शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाने के महत्व को बताया =दंडी स्वामी

बेमेतरा =आज नगर के हृदय स्थल कृषि उपज मंडी परिसर में गौ प्रतिष्ठा यज्ञ एवं शिवमहापुराण कथा का पांचवे दिन कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकर्ता पूरी मेहनत के साथ लगे हुए हैं। शिवमहापुराण कथा का विस्तार से दण्डी स्वामी ज्योतिर्मया नंदःसरस्वती जी ने वर्णन करते हुए कहा कि शिव ही आदि और अनंत है वह सृष्टि रचयिता हैं इसी क्रम में महात्म्य के साथ देवराज जैसे पापी की कथा भी सुनाया। शिवमहापुराण सदाशिव की महिमा की विभिन्न कथाओं का वर्णन करता है यह इस बात का भी प्रमाण देता है कि ब्रम्हा, विष्णु और महेश सदाशिव की संतानें हैं । इन्ही सदाशिव को शिवपुराण में काल कहा गया है। दण्डी स्वामी ज्योतीर्मयानंदःसरस्वती जी नें कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि शिवमहापुराण पढ़ने के अनेक लाभ हैं मनोकामनाएं पुरी होना, पापों से मुक्ति, मानसिक शांति और भय मुक्ती इसके अलावा यह गंभीर बीमारियों को दूर करनें, कष्टों को कम करनें और अंत में मोक्ष प्राप्त करने में भी मदद करता है । सावन जैसे महिनें में इसका पाठ करनें से पुण्य कई गुणा बढ़ जाता है दण्डी स्वामी जी ने कहा कि शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाने का महत्व को बताया पहली ताली भगवान शिव के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराना और उन्हें जगाना क्योंकि शिव जी हमेशा ध्यान में लीन रहते हैं । दुसरी ताली अपनी मनोकामनाएं,सुख , समृद्धि बनाएं रखनें की प्रार्थना करना तीसरी ताली स्वयं को पूरी तरह से शिव के चरणों में समर्पित करना ,भूल चुक के लिए क्षमा मांगना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना दंडी स्वामी ने कथा स्थल में धर्म प्रेमी नगर के लोगों को शिव कथा विस्तार से बताते हुए कहा कि जब आप अपनी परेशानियों को हंसते-हंसते झेल लेते हैं तो उसे शिवजी की ही कृपा माने ।दंडी स्वामी जी ने कहा कि शिवजी पर बेलपत्र का उल्टा हिस्सा यानी बेलपत्र का चिकना हिस्सा शिवलिंग की तरफ होनी चाहिए। शिव महापुराण एवं अन्य धर्म ग्रंथो में उल्लेख मिलता है कि बेलपत्र के ऊपरी सतह पर मां लक्ष्मी का वास होता है जबकि निचली पर भगवान शिव का वास बताया गया है।अर्थात बेलपत्र को उल्टा चढ़ाने में भगवान शिव की प्राप्ति होती है और लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद बना रहता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने से सर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती  का अशुभ प्रभाव कम होता है। शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने से व्यक्ति को हर तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है और भगवान शंकर की कृपा प्राप्त होती है एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है , शिवजी पर पीली सरसों चढ़ाने से शत्रुओं का नाश होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है,वातावरण शुद्ध होता है और बृहस्पति ग्रह के दोष शांत होते हैं।यह आर्थिक समृद्धि और धन-धान्य में वृद्धि करने वाला भी माना जाता है। अगर मनुष्य किसी रोग से ग्रस्त है तो शिवजी पर क्या चढ़ाएं इसके लिए शहद दूध घी शक्कर मिलाकर पंचामृत बनाकर चढ़ाने से विशेष लाभ होता है। खासकर महामृत्युंजय मंत्र के साथ अभिषेक करने से बड़ी-बड़ी बीमारियों में राहत मिलती है साथ ही शिवजी को भांग धतूरा अर्पित करना चाहिए और जल से अभिषेक करना चाहिए स्वास्थ्य के लिए यह सब उपाय लाभकारी है। आज के आयोजन में मुख्य रूप से बेमेतरा के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।

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