
बिलासपुर –:: घुरू गोकुल नगर वार्ड क्र. 04.गोकुल धाम रोड़ स्थित हंसा विहार कालोनी फेस 01 औऱ 02 में आपसी विवाद धमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस शासन के समय यहाँ बमुश्किल विधायक निधि से दोनों फेस 01 एवं 02 को स्वतंत्र ट्रांसफार्मर तो मिल गया किन्तु इसके पहले कालोनी निर्माता ने बुनियादी सुविधाएं देने की बात बोलकर एवं आकर्षित पाम्पलेट छपवाकर कई शिक्षित वर्गों को चुना लगा के निकल गया बिजली पोल लगवाने के नाम पर फेस 01एवं 02 ने आपसी चंदा भी एकत्र किया किन्तु प्रतिफल कुछ भी नहीं मिला इसी चंदे की राशि का हिसाब अब गले का फांस बन गयी है. इस पुरे चंदा के खेल में बताया जारहा है की दो अलग अलग शासकीय विभाग में कार्यरत कर्मचारी की मिलीभगत सामने आइ है. पहले दोनों सबका हितैषी बनकर सबके घर पहुंचे चंदा इकठ्ठा किए औऱ बाद में जब विधायक निधि से ट्रांसफार्मर लग गया तो पैसे वापसी की स्थिति बनी तो गोलमोल बाते शुरू हो गई. बमुश्किल से आपसी समझौता हुवा की मोहल्ले में नलकूप खनन करवाना है धीरे धीरे वो भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इस पुरे चंदा के खेल में मिडिल क्लास जो बड़ी जतन से मकान बनाए थे वो लोग दो बार ठगे गए पहली बार बिल्डर के द्वारा दूसरी बार ये दो शासकीय कर्मचारी तथाकथित हितैसियो के द्वारा. सूत्रों की माने तो करीब 1.50लाख रुपए दबा लिया गया है जिसकी कोई भी जानकारी मोहल्लेवासियो को नहीं दिया जा रहा है. इस मोहल्ले में बिजली कनेक्शन लेने वाले को बिजली विभाग से संपर्क करने से पहले यहाँ के स्वघोषित मुखिया लोगो से परमिशन लेना होता है ये तय करतेहै की किसको बिजली कनेक्शन देना है की नहीं पहले स्वघोषित मुखिया लोगो को शुल्क देना होता है फिर विभाग जाने बोला जाता है. अब ये दोनों शासकीय कर्मचारियों का आपसी में भी फुट हो गया है. फुट का कारण चंदा के पैसे के बटवारे पर सहमति नहीं बनी. वही मुख्य मार्ग की जर्ज़र स्थिति को लेकर एक बार फिर चंदा लेने की बात आई इस बार कुछ महिलाए चंदा लेने सबके दरवाजे गए तो कुछ को छोड़कर बाकि सभी मोहल्लेवासियो ने चंदा देने इंकार कर दिया औऱ बोला गया की जो पूर्व में चंदा इकठ्ठा किए हो उसका उपयोग रोड़ के सुधार कार्य में क्यों नहीं करते. जिन महिलाओ ने रोड़ सुधार के नाम पर चंदा इकत्र किए वो लोग तीन दिन तक मुख्य मार्ग पर गिट्टी डालकर रोड़ को अवरुद्ध किया. कई घर के बच्चे स्कूल नहीं जा पाए तो वही राखी के त्यौहार पर लोगो का आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा. इन जिम्मेदार महिलाओ ने यह सोचकर रोड़ जाम कर रखा था की जो लोग चंदा नहीं दिए है वो लोग चंदा देंगे तब आगे का काम करेंगे. जिम्मेदार महिलाए तीन दिन तक सिर्फ बहाना करती रही है की जेसीबी आएगी औऱ गिट्टी को समतल किया जाएगा. विपरीत परिस्थिति में भाजपा की पूर्व पार्षद शुश्री सुनीता मानिकपुरी के हस्ताक्षेप के बाद जोन कमिश्नर सकरी को सुचना दिया गया जिसके तुरंत बाद तीन दिन से अवरुद्ध मार्ग को समतलिकरण किया गया तब जाकर मोहल्लेवासियो का आवागमन प्रारंभ हुवा. जिसका श्रेय सुश्री सुनीता मानिकपुरी को जाता है. इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है की कुछ तो बड़ी बात है जो दबी हुई है. क्या झोल है जो दो शासकीय कर्मचारियों के बिच चल रहीं है. इसका खुलासा बहुत जल्द होगा क्योंकि जिस सूत्र ने यह जानकारी दी है उसका कहना है की यदि चंदा का हिसाब स्पष्ट सार्वजनिक नहीं किया गया तो इसकी शिकायत वो जायज स्थान पर करेंगे औऱ ठगी का पर्दाफाश करेंगे