अंधविश्वास का एक रूप ऐसा भी : 13 साल के बच्चे की शादी की, चंद घंटों बाद विधवा हुई पत्नी….पढ़िये पूरी खबर

भारत में अंधविश्वास को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी आज भी देखी जा सकती है। ऐसा ही एक मामला पंजाब के जालंधर से सामने आया है। घटना जालंधर के बस्ती बावा खेल थाने की है। कुंडली के अनुसार एक व्यक्ति की बेटी मांगलिक थी। जिस कारण से उसके विवाह में बार-बार रुकावट आ रही थी। इसके बाद किसी ने घरवालों को इस दोष को दूर करने का एक उपाय बताया। अंधविश्वास से ग्रसित परिवार ने पंडित की बात मानी और फिर दोष दूर करने का जो अजीब तरीका अपनाया, जिसे सुनकर सभी दंग रह गए। इसके बाद मामला थाने तक पहुंचा। पुलिस भी पूरा वाकया सुनकर हैरान रह गई।

जालंधर के बस्ती बावा खेल थाने में 13 साल का एक बच्चा युवती के पास ट्यूशन पढ़ता था। एक दिन युवती ने बच्चे के परिवार से कहा कि वह बच्चे को अपने पास ही कुछ दिन के लिए रख लेगी। यहीं रहकर वो तैयारी कर लेगा जिससे पेपर में उसके अच्छे नंबर आ जाएंगे। परिवार ने बताया कि बेटे के भविष्य को देखते हुए वह मान गए और दस दिन के लिए बेटा युवती के घर पर रहा।

इसके बाद जब बच्चा अपने घर लौटा तो उसने परिवार को जो बताया उससे घर के लोग दंग रह गए। बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि किसी पंडित ने युवती के घरवालों को बताया कि उनकी बेटी मांगलिक है और इस दोष को दूर करने के लिए उन्हें बेटी की किसी बच्चे से शादी करवानी होगी। शादी की सारी रस्में निभाने के बाद विधवा बनकर विलाप भी करना होगा, ऐसा करने पर ही उनकी बेटी की कुंडली से ये दोष निकलेगा।

पंडित के कहने के बाद युवती के परिजनों ने उसकी शादी उनके बच्चे से करवा दी। पंडित की योजना के मुताबिक शादी की सभी रस्में निभाने के बाद बच्चे को सुहागरात के लिए कमरे में भी ले जाया गया और कुछ दिन बाद विधवा होने का नाटक किया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि शादी की रस्में व मौत का यह सारा नाटक पांच से छह दिन तक चला। बच्चा उतने दिन उनके घर पर ही रहा। बच्चे से घर के काम भी करवाए गए।

बच्चे के परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता करवा दिया है। पुलिस ने मौके पर ही दूसरे पंडित को बुलवाकर परिवार को ये भी बताया कि ये सब अंधविश्वास है। मामले के सामने आने से इलाके के लोग हैरान हैं। डीसीपी गुरमीत सिंह का कहना है कि उनको इस मामले की जानकारी नहीं है लेकिन वह इसकी जांच करवाएंगे।

 

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