एनटीपीसी से एग्रीमेंट कर 120 किमी दूरी पर डंप करने वाला टेंडर ठेकेदार  शहर से महज 20 किमी की दुरी पर कर रहा फ्लाईएस डंप… ❓

मस्तूरी थाना में शिकायत के 34 दिन बाद भी जांच ठंडा बस्ता, एनटीपीसी का फ्लाईएस डंप करने के नाम पर करोड़ो का खेला ?

एनटीपीसी में कार्यरत आर्शीवाद ट्रांसपोर्ट के प्रोपाईटर मोनू राजपाल व प्लांट के अधिकारी ट्रांसपोर्ट के नाम पर एनटीपीसी को लगा रहे चुना ?

बिलासपुर : सीपत एनटीपीसी के प्लांट से निकलने वाले राखड़ को डंप करने के नाम पर ट्रांसपोर्टर एवं प्लांट के अधिकारियो की मिलीभगत से करोड़ो के फर्जीवाड़े को अंजाम देने का आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया है. पूरे मामले को लेकर मस्तूरी थाना में लिखित शिकायत किया गया. लेकिन शिकायत के 32 दिन बीत जाने के बाद भी जाँच पूरा नहीं हो पाया है. उक्त शिकायत कि खास बात यह है कि प्लांट के अधिकारी, एन एच ए आई अधिकारी, टोल प्लाजा पर भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने का बड़ा आरोप लगाया है. इतने गंभीर मामलों में भी मस्तूरी पुलिस की
कार्यवाही कछुआ गति से चल रही है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पुलिस ने जांच को ठंडा बस्ता में डाल दिया गया है.मस्तूरी थाना प्रभारी ने जिनको इस मामले पर विवेचना करने कि जिम्मेदारी दी गई है वो इस मामले कि गंभीरता को समझना ही नहीं चाहते है. Hamre

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्लांट से निकलने वाले राखड (फ्लाईएस) को प्लांट क्षेत्र से लगभग 120 से 130 किमी दूर डंप करने काम दिया गया है मगर ट्रांसपोर्टर व एनटीपीसी के अधिकारियो की मिलीभगत से राखड (फ्लाईएस) को महज 15 से 20 किमी की दुरी पर डंप किया जा रहा है और कागजों में 120 से 130 किमी दूर डंप करना बताकर लाखो, करोड़ो का व्यारा-न्यारा किया जा रहा है|

ट्रांसपोर्टर द्वारा ट्रको में लगे जीपीएस को अन्य वाहन से ले जाकर ऑनलाइन दुरी तय करना दिखाया जाता है वही
नेशनल हाईवे में आने वाले टोल प्लाजा में लगे कैमरे एवं राखड डेम पर लगे कैमरे को जांच कर किया जा सकता है. शिकायतकर्ता के अनुसार टैक्स की फर्जी रसीदे भी बिल भुगतान में लगाकर करोड़ो के ट्रांसपोर्टेशन का राशि वसूली जा रही है|

बताया जाता है कि सीपत एनटीपीसी प्लांट में आर्शीवाद ट्रांसपोर्ट जिसके प्रोपाईटर मोनू राजपाल नामक व्यक्ति है व बिल्हा जिला बिलासपुर (छ.ग.) का निवासी है, जिन्हें सीपत एन.टी.पी.सी से फ्लाईएस राखड़ परिवहन करने के कार्य (वर्क ऑर्डर) मिला हुआ है, इनको राखड़ परिवहन सीपत एन.टी.पी.सी. से उरगा पत्थलगावं के लिए ट्रांसपोर्टिंग का कार्य दिया गया है जिसकी दूरी लगभग 120 से 130 कि. मी. होना बताया गया है किन्तु आर्शीवाद ट्रांसपोर्टर एवं एन.टी.पी.सी. अधिकारियों की मिली भगत से एन.टी.पी.सी. राखड़ डेम से राखड़ लोड कर जिस वाहन को पत्थलगावं परिवहन करना चाहिए वह वाहन पत्थगांव न जाकर जयरामनगर खैरा पत्थर खदान में डम्प किया जा रहा था| उक्त अवैध परिवहन को स्थानीय लोगो के द्वारा 10 सितम्बर को इस्पॉट पर पकड़ा था |

शिकायतकर्ता के अनुसार स्थानीय लोगो ने मौके पर आठ वाहन (ट्रेलर) जिसका वाहन क्रमशः CG 10 BJ 9686, CG 10 BJ 9979, CG 10 BS 9455, CG 10 BJ 9389, CG 10 BJ 9474, CG 10 BJ 9383, CG 10 BS 9105 वाहनों को पकड़ा जिसमे एक वाहन का नंबर प्लेट नही दिख रहा था, यह भी बताया जा रहा है वाहन चालको के पास राखड़ खदान में पटिंग करने का कोई भी प्रकार का प्रशासनिक एनओसी मौके पर नही था. इस तरह के मामले को लिखित शिकायत मस्तूरी थाने में किया गया लेकिन अब तक विवेचना अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया गया है.

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