
Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इससे अलग इसी दिन भगवान परशुराम का भी जन्म हुआ था. बता दें कि इस साल अक्षय तृतीया पर तीन राज योग बन रहे हैं. ऐसे में इन राजयोग और महत्व के बारे में जानना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अक्षय तृतीया पर कौन से तीन राज योग बन रहे हैं और अक्षय तृतीया का महत्व क्या है. पढ़ते हैं आगे…
अक्षय तृतीया का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन दान, गंगा स्नान, पूजा अर्चना, तपस्या, शुभ कार्य आदि करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदे जाते हैं. कहते हैं सोना चांदी खरीद कर भी अपने घर में लक्ष्मी मां की कृपा बरसती है. इसके अलावा जो लोग बड़े-बड़े वाहन, मकान आदि चीजें खरीदना चाहते हैं तो उनके लिए यह दिन बेहद शुभ होता है
अक्षय तृतीया राजयोग
अक्षय तृतीया के दिन तीन राज योग बन रहे हैं. पहला राजयोग है मालव्य राजयोग, दूसरा राजयोग हंस राजयोग और तीसरा राजयोग शश राजयोग. इस साल अक्षय तृतीया के दिन ग्रहों पर ऐसी स्थिति बन रही है जो बेहद शुभ है. ऐसे में यदि आप राजयोग अबूझ मुहूर्त पर मांगलिक कार्य करते हैं या सोना चांदी घर जमीन दुकान मकान खरीदते हैं तो इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रह सकती है.
अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 05:39 मिनट – दोपहर 12:18 मिनट तक.
सोना-चांदी खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त – सुबह 05:39 मिनट से – अगले दिन सुबह 05:38 मिनट तक
चौघड़िया मुहूर्त
प्रात:काल का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 08:59 मिनट से दोपहर 01:58 मिनट तक
दोपहर के लिए मुहूर्त (शुभ)- दोपहर 03:38 मिनट से शाम 05:18 मिनट तक
प्रात:काल के लिए मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- सुबह 08:59 मिनट से दोपहर 01:58 मिनट तक
दोपहर के लिए मुहूर्त (शुभ)- दोपहर 03:38 मिनट से शाम 05:18 मिनट तक
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.