
पीडीएस दुकानों में गरीबों और आमलोगों के लिए दिया जाने वाला अनाज दुकानदार बाजार में बेच रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में ऐसी धांधली सामने आई है। जिले में भी 7 ब्लॉक में 136 दुकानों में ऐसी गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसमें करीब 5 करोड़ से अधिक का राशन व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन को बाजार में बेचा गया है। यह खेल पिछले 5 साल से चल रहा है, सबसे ज्यादा गड़बड़ी 2021-22 में हुई है। बीपीएल या अंत्योदय परिवारों को दिए जाने वाली शक्कर, नमक तक संचालकों ने बेच दिया। कार्डधारकों से कहते रहे, इस महीने सामान नहीं आया है।
केंद्र सरकार ने 30 सिंतबर 22 को एक आदेश जारी कर कहा कि केंद्र सरकार से अब तक जितना चावल मिला है, उसके स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया जाए। स्टाक हैदराबाद के मेन सर्वर में अपडेट किया जाए। उसके बाद भौतिक सत्यापन शुरू हुआ तो गड़बड़ियां सामने आने लगी। अब पीडीएस दुकानदारों को हेराफेरी किए गए राशन का भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है। नोटिस जारी कर कहा है कि सात दिन के भीतर पेमेंट नहीं हुआ तो एफआईआर कराएंगे।
शहर से लेकर गांव तक सभी दुकानों में चल रही धांधली
खरसिया में 15 दुकान संचालकों ने 1 करोड़, लैलूंगा में 17 दुकानदारों ने 43 लाख, धरमजयगढ़ में 25 संचालकों ने 50 लाख रुपए, रायगढ़ की 12 दुकानों में 1 करोड़, पुसौर की 15 दुकानों का 1 करोड़, घरघोड़ा में 24 और तमनार के 28 दुकान संचालक 1 करोड़ रुपए का राशन बेच दिया। ये राशन एपीएल से लेकर अंत्योदय तक के कार्डधारियों के हिस्से का था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में गरीब परिवारों के तहत हर कार्ड पर 5-5 किलो अतिरिक्त चावल दिया जाता है।
आरआरसी वसूली के लिए नोटिस, उसके बाद कुर्की
पिछले हफ्तेभर से खाद्य विभाग के इंस्पेक्टरों की रिपोर्ट के बाद हर अनुविभाग के एसडीएम दुकान संचालकों को नोटिस जारी कर रहे है, उसमें 7-10 दिनों का समय दे रहे है। खाद्य विभाग के कर्मचारियों के अनुसार इस तरह से तीन बार नोटिस जारी करने के बाद दुकानदारों के खिलाफ संपत्ति कुर्की करने की प्रक्रिया की जाएगी। अफसरों के लिए समस्या यह भी है कि ज्यादातर दुकान संचालकों को कांग्रेस नेता, कार्यकर्ताओं से कनेक्शन हैं। ऐसे में नोटिस की औपचारिकता पूरी करने के बाद रिकवरी या कुर्की करना मुश्किल होगा।
हर अनुविभाग के एसडीएम कर रहे हैं कार्रवाई
पीडीएस दुकानदारों ने पिछले तीन-चार सालों में गड़बड़ी कर रहे हैं। दुकानदारों ने जो सामानों को बाजार में बेच दिया है, उसमें नोटिस जारी करने के साथ उनके खिलाफ आरआरसी वसूली करने की कार्रवाई हर अनुविभाग के एसडीएम कर रहे है, दुकानदारों को एफआईआर दर्ज किया जा रहा है। सभी जगहों में सत्यापन का भी काम चल रहा है। चितरंजन सिंह, प्रभारी खाद्य अधिकारी
खाद्य विभाग से हमारे पास डिमांड आती है, उस पर होता है आवंटन
खाद्य विभाग हर माह हमें ऑनलाइन डिमांड आता है उसके अनुसार हम आबंटन करते हैं। दुकानदार के कोटे में अगर कटौती की अनुशंसा हो तो हम घटा कर राशन भेजते हैं। कटौती या वसूली करने का पूरा काम खाद्य विभाग ही करेगा।