छत्तीसगढ़ में 1 मार्च से जन शिकायतों के निराकरण की ऑनलाइन व्यवस्था, शुरू हुई भाजपा-कांग्रेस के बीच बयानबाजी

रायपुर:छत्तीसगढ़ में 1 मार्च से जनशिकायतों के निराकरण की ऑनलाइन व्यवस्था होने जा रही है। इससे पहले की कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। दोनों एक-दूसरे पर वार पलटवार कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार अब 1 मार्च से जनशिकायत के निराकरण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था कर रही है। आम लोग अब अपनी परेशानी ऑनलाइन दर्ज करा सकेगें। दरअसल सरकारी कार्यालयों में आज भी अधिकांश लोगों के काम एक बार जाने पर नहीं होता। इसलिए छत्तीसगढ़ में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया। लेकिन आज भी इस अधिनियम से सरकारी कार्यालय में आवेदन करने वाले लोगों को राहत नहीं मिल रही है। ऐसे में अब राज्य सरकार 1 मार्च से जन शिकायतों के निराकरण की ऑनलाइन व्यवस्था करने जा रही है। इसके तहतराजस्व,पुलिस ,विद्युत, स्वास्थ्य और नगरीय निकाय से संबंधित शिकायतों का समाधान होगा। आवेदनों के निराकरण की स्थिति की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्य सचिव के स्तर से भी होगी। इस पर लोगों का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में हमारे आवेदनों पर काम ऑफलाइन या ऑनलाइन हो। जल्द और पारदर्शिता के साथ काम हो जाए यह महत्वपूर्ण है।

इस बीच राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। बीजेपी का कहना है कि राज्य में जब से कांग्रेस सरकार आई है। तब से सरकारी कार्यालयों में लाखों आवेदन पड़े हुए हैं। किसी भी आवेदनों का निराकरण नहीं हो रहा है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि राज्य सरकार की इस व्यवस्था से आम जनों को राहत मिलेगी । उन्हें अपने आवेदनों से संबंधित जानकारी मिलेगी और जल्द निराकरण भी होगा।

राज्य सरकार किसी अधिनियम के तहत अपनी जनता को समय सीमा के भीतर और पारदर्शिता के साथ काम कराने की गारंटी देती है। लेकिन नए नियम लागू होने के कुछ समय बाद यह देखने को मिलता है कि पुराने ढर्रे पर सरकारी कार्यालय में काम फिर से शुरू हो जाता है। पर उम्मीद है राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था से छत्तीसगढ़ के सरकारी कार्यालयों में आने जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी।

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