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*पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स अध्ययन शाला में इसरो अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण स्टार्ट ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ*
रायपुर =इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु, इसरो देहरादून, आईआईआरएस देहरादून द्वारा आयोजित अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्टार्ट) ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह एस.ओ.एस. इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फोटोनिक्स द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ कविता ठाकुर के स्वागत भाषण से हुई।
डॉ. कविता ने माननीय कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया जिसके कारण पंडित रविशंकर शुक्ल को इसरो स्टार्ट कार्यक्रम का नोडल केंद्र बना एवं नैक के चल रहे दौरे के बावजूद कार्यक्रम के समय पर निष्पादन के लिए आभार व्यक्त किया। आयोजित कार्यक्रम का सफल श्रेय माननीय कुलपति को जाता है। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डॉ. एस के पटेल कुलसचिव का भरपूर सहयोग मिला।
डॉ. कविता ठाकुर ने प्रोफेसर एस. के. पांडे पूर्व कुलपति और प्रमुख भौतिकी और खगोल भौतिकी अध्ययन शाला, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, का स्वागत किया। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर जिन्होंने आज के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि बनना स्वीकार किया। उन्होंने आज के समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. सरिता अग्रवाल, डीन रिसर्च अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद रायपुर, का भी स्वागत किया। विभागाध्यक्ष एस. ओ. एस. इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फोटोनिक्स अध्ययन शाला डॉ कविता ठाकुर ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए इसरो स्टार्ट प्रोग्राम के कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर विश्वविद्यालय और विभाग को बधाई दी और 30 दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं प्रोफेसर डॉ एसके पांडे ने विद्यार्थियों को इसरो की स्थापना और अंतरिक्ष विज्ञान जुड़ी से जुड़ी घटनाओं को जिक्र करते हुए, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ने की भूमिका को सबके सामने रखा। अंत में उन्होंने प्रतिभागियों को देश के वैज्ञानिक विकास में योगदान देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उपयोग करने को कहा और स्टार्ट के लिए पंजीकरण कराने के लिए बधाई दी। उन्होंने कविता ठाकुर को कार्यक्रम की शानदार शुरुआत के लिए बधाई दी।
अतिथि डॉ. सरिता अग्रवाल, डीन रिसर्च, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद रायपुर, ने बताया कि कैसे अंतरिक्ष अनुसाधन ने चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान दिया है। उन्होंने टेलीमेडिसिन, टिशु इंजीनियरिंग और पुनर्योजी चिकित्सा में प्रगति का उदाहरण दिया। उन्होंने छात्रों को खुले दिमाग से इस (स्टार्ट) कार्यक्रम में भाग लेने और प्रशिक्षण के माध्यम से नई सीख का स्वागत करने की सलाह दी।
डॉ कविता ठाकुर ने अंत में सभी विद्यार्थियों को आगे बढ़ते रहने के लिए अनेक शुभकामनाओं के साथ समारोह का समापन किया।
