
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष 18 हज़ार नवजात बच्चों की मौत की यूनिसेफ़ द्वारा आँकड़ों के साथ की गई पुष्टि प्रदेश कांग्रेस की भूपेश-सरकार के लिए कलंकपूर्ण है। श्री साय ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जन्म के एक घंटे के बाद तक 68 फ़ीसदी नवजातों को माँ का दूध तक नसीब नहीं हो पाता है। नवजात शिशुओं की समुचित देखभाल नहीं हो पाने के कारण जन्म से 28 दिनों के भीतर 18 हज़ार बच्चों की मौत हर साल होती है। श्री साय ने सवाल किया कि क्या प्रदेश की कांग्रेस सरकार और उसके प्रवक्ता-मंत्री नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-2019-2021 के आधार पर जारी यूनिसेफ़ की इस रिपोर्ट को भी भाजपा का आँकड़ा बताकर इसे ठुकराने की कोशिश करेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि हाल ही में भाजपा ने आँकड़े प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ में 25 हज़ार आदिवासी बच्चों की मौत के मामले में प्रदेश सरकार से आवश्यक समाधानकारक प्रबंध करने और मृत बच्चों के परिजनों को समुचित मुआवज़ा देने की मांग की, लेकिन प्रदेश सरकार ने न तो इस मुद्दे पर अपना मुँह खोला और न ही इस आपदा के समाधान का कोई रोडमैप प्रदेश को बताया। उल्टे प्रदेश सरकार के प्रवक्ता-मंत्री ने इसे पूरी तरह नकारते हुए इसे भाजपा का आँकड़ा बताकर अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराकर घोर संवेदनहीनता का प्रदर्शन किया। बाद में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इन आँकड़ों को स्वीकार कर प्रदेश सरकार के छल-प्रपंच और जन-स्वास्थ्य के साथ किए जा रहे फ़रेब को बेनक़ाब कर दिया। श्री साय ने कहा कि अब यूनिसेफ़ ने भी छत्तीसगढ़ में हर साल 18 हज़ार नवजात बच्चों की मौत की रिपोर्ट जारी की है। तो प्रदेश सरकार यह बताए कि क्या यही छत्तीसगढ़ मॉडल है, जिसके देश-दुनिया में प्रचार-प्रसार होने का ढोल पीट रहे हें। नवजात बच्चों की मौत की यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार के लिए वह कलंक है, जो कभी नहीं धुलेगा। श्री साय ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अपनी झूठी वाहवाही कराने में मशगूल रहने के बजाय ईमानदारी के साथ छत्तीसगढ़ के नवजात बच्चों की जान बचाने के ठोस प्रयास और समुचित उपाय करने चाहिए।