जिला चिकित्सालय ने सर्पदंश से बचाव के लिए आमजन को सतर्क और जागरूक रहने की अपील की

सर्पदंश से बचाव के तरीके की दी जानकारी

जशपुर में 5400 से अधिक एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता

 

जशपुरनगर, 20 जून 2025/ जिला चिकित्सालय ने बरसात के मौसम में सर्पदंश से बचाव और सर्पदंश की स्थिति में क्या करना है, क्या नहीं करना है इस बारे में जानकारी देते हुए आमजन को सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि सर्पदंश से बचाव के लिए खिड़की के पास मौजूद पेड़ की शाखाएं और लताओं की कटाई करवाएँ, रात में घर से बाहर निकलते समय हमेशा जुता पहनें और टॉर्च लेकर चलें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, और जमीन पर ना सोयें, पलंग व खाट पर सोंयें घर, आंगन और धान्यागार में मौजूद चूहों के बिल, छेद आदि को बंद करें, मवेशी और मुर्गीशालाओं को सोने की जगह से दूर रखें, गोबर और सुखी लकड़ीयों के ढेर को घर से दूर रखें और अगर सांप का सामना हो तो हलचल ना करें, इससे सांप घबराकर काट सकता है।

   सर्पदंश होने की स्थिति पर व्यक्ति को आश्वस्त करें और शांत रहें, सांप से दूर हो जायें, घाव वाले अंग को स्थिर रखें, तथा सर्पदंश वाली जगह पर गहने आदि हो तो निकाल दें और पीड़ित को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जायें।सर्पदंश होने पर क्या ना करें इस बारे में बताया कि पीड़ित को अत्यधिक दबाव या घबराहट ना होने दें। सांप को मारने की कोसिस ना करें, सर्पदंश वाले घाव को ना काटें ना ही खून निकालने की कोसिस करें, घाव को बांधकर रक्त संचार को रोकने की कोसिस ना करें और पारम्परिक तरीके से बैगा, गुनिया से उपचार ना करायें।

   उन्होंने नागरिको से अपील है कि सर्पदंश के मामले में तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचे इसके लिए 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलायें, आवश्कता पड़ने पर 104 पर कॉल करके भी आवश्यक परामर्श लिया जा सकता है। विकासखण्ड स्तर पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय भगत फरसाबहार मो.नं. 7987405032, डॉ. सुनिल लकड़ा बगीचा मो.नं. 7587376008, डॉक्टर आसुतोष तिर्की जशपुर (लोदाम) मो.नं. 8839993723, डॉ. रोशन बरियार मनोरा मो.नं. 9753843311, डॉ. जेम्स मिंज पत्थलगांव मो.नं. 9424180229, डॉ. संध्यारानी टोप्पो कांसाबेल मो.नं. 8319929221, डॉ. अंजलि निराला दुलदुला मो.नं. 8224028522, डॉ. किरंती कुजुर कुनकुरी मो.नं. 9424192468 से भी तत्काल उपचार हेतु संपर्क कर सकते हैं, जिससे सर्पदंश से होने वाले मौत को रोका जा सके और सभी मरीज स्वस्थ होकर वापस घर जा सकें।

       सीएमएचओ ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नागलोक नाम से प्रसिद्ध विकासखण्ड बगीचा, फरसाबहा क्षेत्र एवं पुरे जशपुर जिला में सांपों की अनेक प्रजातियां पाई जाती है। बरसात का मौसम प्रारम्भ होने के साथ ही जिला में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। पिछले वर्ष 2024-25 में कुल 516 सर्पदंश के मरीज अस्पताल पहुंचे, जिसमें से 501 मरीज स्वस्थ होकर घर वापस गये, जबकि 15 लोगों की मृत्यू हो गई। वहीं इस वर्ष 2025-26 में 16 जून तक कुल 87 सर्पदंश के मामले अस्पताल पहुंचे जिसमें से 84 मरीज स्वस्थ होकर वापस घर गये जबकि 03 लोगों की मृत्यू हो गई। सर्पदंश से निपटने के लिए जिला चिकित्सालय जशपुर, सिविल अस्पताल पत्थलगांव सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एण्टी स्नेक वेनम की व्यवस्था किया गया है। 16 जून 2025 की स्थिति में जिला में कुल 5425 वॉयल एण्टी स्नके वेनम है।

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