
रायगढ़ : जिस तरह से अपराधियों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं और जिले में एक से बढ़कर एक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है उसके बाद भी अपराधी बचकर निकल जा रहे हैं पुलीसिया कार्यप्रणाली पर उंगली उठाना लाजिमी है
पिछले कुछ महीनो की घटनाओं को एक बार अनदेखा किया जाए तो कुछ घटनाए पहेली बनी हुईं है लेकिन हालफिलहाल पिछले 48 घंटे के अंतराल दो ऐसी बड़ी घटनाएं जो शहर को हिला कर रख दी है एक तो लूट की घटना को अंजाम दिया गया तो दूसरी शहर के सबसे ब्यस्तम मार्ग जो रेलवे स्टेशन के ठिक पीछे होने की वजह से स्टेशन के पीछे आने जाने का दो पहिया वाहन के लिए मार्ग है गधरी पुलिया होकर ही शहर औऱ स्टेशन के लिए आना जाना पड़ता है
वही रात में बाजीराव पारा वार्ड नंबर 30 गधरी पुलिया से ठिक सटे मकान में आरोपियों के द्वारा हत्या की घटना को अंजाम दिया गया और आरोपी सकुशल घटना को अंजाम देकर फरार हो जाना कहीं ना कहीं अपराधियों के बुलंद हौसले को प्रस्तुति करता है और 24 घंटे बाद जनरक्षक के हाथ शून्यता को प्राप्त होना पुलिस के जांच पर सवालिया लगाता है अब पुलिस के पास अपने सूचना तंत्र और सीसीटीवी फुटेज औऱ साइबर सैल की मदद के अलावा फिलहाल आखिरी विकल्प दिख रहा है हत्या के दिन डॉग एस्कॉर्ट की भी मदद ली गई थी लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा इसके आलवा शहर में पुलिस पेट्रोलिंग का क्या कहने
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चाकू की नोक पर आरोपियों द्रारा कार लूट के मामले में भी पुलिस के हाथ अभी फिलहाल खाली होना बताया जा रहा है जिस तरह से शहर और जिले में अपराधी घटनाएं बढ़ती जा रही है पुलिस के आला अधिकारियों को मंथन करने व विचार विमर्श की जरूरत है