ट्रेन से खाना लेने वाले सावधान, यात्रियों ने की खुले व बासी भोजन की शिकायत, गंदे बर्तनों पर मक्ख्यिों का ढेर

Bilaspur News: सब्जी, चावल, सलाद सभी खुले में रखे थे। जिसमें बार- बार मक्खियां आकर बैठ रही थी।

ऋषिकेश नगरी – पुरी उत्कल एक्सप्रेस की पेंट्रीकार का भोजन खाकर यात्री बीमार हो सकते हैं। पेंट्रीकार के अंदर गंदगी पसरी थी। इसके अलावा जिस बर्तन में खाना व अन्य सामान रखे थे, वह खुले थे। कर्मचारियों ने इतनी भी आवश्यकता नहीं समझी इसे ढककर रखना चाहिए। ऐसा कोई नहीं, जहां यात्रियों ने पूरा भोजन किया हो। प्लेट समेत यात्री छोड़ दिए थे। कुछ यात्रियों ने बासी भोजन होने की शिकायत भी की। इतनी अव्यवस्था होने के बाद भी पेंट्रीकार की जांच नहीं होती।

सबसे लंबी दूरी की ट्रेनों में उत्कल एक्सप्रेस का भी नाम शामिल है। इस ट्रेन की मॉनीटरिंग ईस्ट कोस्ट रेलवे से होती है। पेंट्रीकार, बेडरोड समेत अन्य सुविधाओं को वहीं व्यवस्थित करनी है। लेकिन ट्रेन की हालत देखकर कहीं से नहीं लगता कि इस ट्रेन को लेकर रेलवे गंभीर है। रोज की तरह शनिवार को भी ट्रेन विलंब से पहुुंची। पेंट्रीकार का बाहरी हिस्से इतना गंदा दिख रहा था, तो कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि कोच के बाहरी हिस्से में सफाई महीनों से नहीं हुई।

जितनी गंदगी बाहर थी, उससे कही ज्यादा पेंट्रीकार के अंदर नजर आई। फर्श में गंदगी की मोटी परत जमी हुई थी। इतना ही नहीं बर्तन भी ऐसा लगा की मानों इसकी नियमित सफाई तक नहीं होती। सब्जी, चावल, सलाद सभी खुले में रखे थे। जिसमें बार- बार मक्खियां आकर बैठ रही थी। इसके बाद भी पेंट्रीकार मैनेजर से लेकर कर्मचारियों ने इतनी जरुरत नहीं समझी की ऐसी स्थिति में यात्रियों को भोजन परोसते हैं तो इसका उनकी स्वास्थ्य पर किस तरह असर पड़ेगा।

हालांकि वह लाइसेंसी के कर्मचारी है। उन्हें गंदगी या अन्य अव्यवस्थाओं को कोई लेना- देना नहीं है। असल जिम्मेदार रेलवे और आइआरसीटीसी है। जिनकी जिम्मेदारी है कि इस तरह की अव्यवस्थाओं पर लगाम कसते हुए लापरवाह पेंट्रीकार मैनेजर, कर्मचारी व लाइसेंसी के खिलाफ सख्ती बरते। यह तभी संभव है, जब जांच होगी। जांच इसलिए नहीं होती, क्योंकि यह दूसरे जोन की ट्रेन है। इस अव्यवस्था का खामियाजा यात्रियों को भुतना पड़ रहा है।

यात्रियों ने छोड़ दिया था खाना
अधिकांश कोच में खाने की प्लेटफार्म पड़ी थी। जिसमें खान छोड़ा गया था। यात्रियों का कहना था कि पेंट्रीकार पर किसी तरह का लगाम नहीं है। जब बासी भोजन व स्वादिष्ट नहीं होने की शिकायत की गई, तो कर्मचारियों ने यह कह दिया कि ट्रेन विलंब है, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते। ट्रेन में भोजन नहीं पकता है, केवल गरम किया जाता है। हालांकि यात्रियों ने शिकायत की कि इसमें खाना बन रहा था। शायद वह पेंट्रीकार स्टाफ व टीटीई के लिए बना रहे थे।

उत्कल एक्सप्रेस की पेंट्रीकार का नियंत्रण भुवनेश्वर से होता है। हम प्रयास करते हैं कि बिलासपुर में सभी ट्रेनों के पेंट्रीकार की जांच हो सके। यदि शनिवार को इस तरह की अव्यवस्था सामने आई तो संबंधित रेलवे को इसकी जानकारी भेजी जाएगी। इसके अलावा बिलासपुर स्टेशन में नियमित जांच करने के लिए स्टाफ को निर्देश दिया जाएगा।

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