
रायगढ़: तहसील पुसौर अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरा में मांड नदी से अवैध रेत खनन और डंपिंग का खेल बेखौफ तरीके से जारी है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार अब तक 500 से 600 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत की अवैध डंपिंग हो चुकी है, जिससे शासन को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन, तहसील स्तर के अधिकारी, और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को दी जा चुकी है। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।एक ग्रामीण ने नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर बताया की जब कोई कर्मचारी जांच के लिए पहुंचता भी है, तो उसे राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है।
अब जनता को इंतजार है—
अब देखना यह है कि तहसील प्रशासन और जिला स्तर के सक्षम अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कब तक शुरू करते हैं और क्या भू-माफियाओं पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबाकर फाइलों में बंद हो जाएगा?
इस बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासनिक अमला भू-माफियाओं और राजनेताओं के दबाव में काम कर रहा है? और यदि ऐसा है, तो क्या यह आम जनता के अधिकारों और कानून व्यवस्था के साथ एक बड़ा विश्वासघात नहीं है?
पड़ोसी जिले में लगातार कार्रवाई: आपको बताना लाजिमी होगा कि रायगढ़ जिले से कटकर बना सारंगढ़ बिलाईगढ़ में अवैध उत्खनन रेत परिवहन या फिर बालू डंपिंग के मामले में लगातार कार्रवाई देखने को मिल रही है और उससे जुड़े वाहन की जप्ति की जा रही है जिले में अबैध खनन, रेत का अबैध डंपिंग अबैध परिवहन के महीने में एक दों करवाई को छोड़ दिया जाए तो यह समझ में नहीं आता कि रायगढ़ जिले के खनिज विभाग एवं अवैध उत्खनन के मामले से जुड़े विभाग आखिर कर क्या रहा है उनके तरफ से क्या जिले में सब कुछ ठिक ठाक है..?या करना ही नहीं चाहते…?या किसी के दबाव के सामने अपने आप को बोना समझ रहे है…?
ग्रामीणों की माँग है:
तत्काल अवैध रेत डंपिंग की जांच हो।राजस्व विभाग और खनिज विभाग संयुक्त कार्रवाई करें।
राजस्व विभाग और खनिज विभाग संयुक्त कार्रवाई करें।
दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।