छत्तीसगढ़

पटवारी से सांठ-गांठ कर, ढाई एकड़ की जगह साढ़े नौ एकड़ का करा लिया पंजीयन

 

ग्रामीण के शिकायत पर 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी नहीं हुई कार्यवाही 
 अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) व कलेक्टर को आवेदन देकर कार्यवाही की किया मांग  
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इस वर्ष समर्थन मूल्य में धान बेचने के पहले हल्का पटवारी द्वारा गिरदावरी का कार्य पूरा कर रकबा रिपोर्ट खरीदी केन्द्रों में दी गई थी। पटवारी के द्वारा दिये गए रकबे के आधार पर ही किसानों का पंजीयन हो पाया है। इस वर्ष अधिकांश किसानों का रकबा छुट गया है। छुटे हुए रकबा का त्रुटि सुधार के लिए शासन के आदेश पर आवेदन भी लिया गया है। वही एक तरफ किसान साल भर की अपनी खुन पसीने की कमाई को बेचने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते फिर रहे थे, लेकिन अधिकांश किसानों का पंजीयन में सुधार नहीं हो पाया। रकबे में कमी होने व समर्थन मूल्य में धान बिक्री नहीं हो पाने की वजह से किसान मजबूरीवश अपना धान औने-पौने कीमत पर बिचैलियों को बेचने मजबूर हो रहे है। वही दूसरी तरफ ग्राम पंचायत चितावर का कोटवार पटवारी से मिली भगत कर खेत में बिना धान बोए ही पंजीयन करा लिया है। जिस पर गांव के ही व्यक्ति नारायण पटेल के द्वारा 17 दिसम्बर 2020 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), व कलेक्टर को लिखित में शिकायत देकर जांच कार्यवाही की मांग किये है। शिकायकर्ता द्वारा लिखित में शिकायत देने के 15 दिन बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अभी तक कुछ भी कार्यवाही नहीं किये है। शिकायतकर्ता नारायण पटेल ने दिए हुए लिखित शिकायत में बताया है कि कोटवार चितराम पिता जगन्नाथ केवल 2 एकड़ 50 डिसमिल पर ही खेती किया है। वही खसरा नं. 35/1 घास जमीन 7 एकड़ 50 डिसमिल भूमि में कब्जा व हल्का पटवारी 37 से सांठ-गांठ कर 9 एकड़ 50 डिसमिल का पंजीयन करा लिया है। शिकायकर्ता का आरोप है कि कोटवार दो एकड़ भूमि में पत्थर निकाल बेचकर उक्त राशि को भी खा चूका है। वही एक एकड़ भूमि में किसान डबरी निर्माण कराया है। चितराम कोटवार का कुल जमीन 2 एकड़ 50 डिसमिल है, उक्त खसरा नं. 234 रकबा 0.264 में धान बोया है। बाकि खसरा नम्बर 273, 275 मकान एवं पत्थर खदान है। शिकायकर्ता का कहना है कि कोटवार द्वारा 7 एकड़ 50 डिसमिल जमीन पर कोई फसल नहीं ली गई है, और न ही उसमें हल चला है, फिर भी कोटवार चितराम पटवारी से मिली भगत कर 9 एकड़ 50 डिसमिल का फर्जी तरीके से पंजीयन करा लिया है, और उसमें का कुछ क्वींटल धान को केन्द्र में भी बेच चूका है।
इस संबंध में पटवारी तुलसी बर्मन ने कहा कि शासन द्वारा कोटवार को 10 एकड़ का भूमि आवंटित किया गया है, जिसमें इनके द्वारा प्रतिवर्ष 10 एकड़ का ही धान बेचते आ रहे हैं। ग्रामीण के द्वारा लगाया गया आरोप गलत है।
इस संबंध में नायब तहसीलदार प्रियंका बंजारा ने कहा कि उक्त मामले की जांच हो गई है, देखकर ही बता सकती हूं रिपोर्ट क्या आया है।

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