
Jharkhand Panchayat Chunav 2022: राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में कोरोना से बचाव को लेकर एसओपी भी पहले ही जारी कर दिया है. आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए कुल 53,480 मतदान केंद्र चिह्नित किए हैं. झारखंड के पंचायती राज विभाग और झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग की अब तक की तैयारियों के अनुसार इस बार झारखंड के 4,345 ग्राम पंचायतों में पंचायत चुनाव मई महीने में होगा, वहीं मतगणना जून में की जाएगी.
रांची. झारखंड पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Election 2022) के लिए तैयारी तेज कर दी गयी है. अब जल्द ही राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी. वहीं इससे पहले पंचायत चुनाव को लेकर उत्तप्रदेश से 50 हजार बैलेट बाक्स मंगाए गए हैं. वहीं झारखंड में पहले से 52 हजार बैलेट बाक्स पहले से उपलब्ध हैं. ऐसे में इस बार चुनाव ईवीएम (EVM) से नहीं बल्कि बैलेट बॉक्स से ही कराए जाएंगे. बता दें, झारखंड के पंचायती राज विभाग और झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग (Jharkhand State Election Commission) की अब तक की तैयारियों के अनुसार इस बार झारखंड के 4,345 ग्राम पंचायतों में पंचायत चुनाव मई महीने में होगा, वहीं मतगणना जून में की जाएगी.
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड पंचायत चुनाव 2022 झारखंड के अलग-अलग जिलों में एक से चार चरणों में होगा. चारों चरण का मतदान कार्य मई महीने में ही पूरा कर लिया जाएगा. वहीं जून महीने में चुनाव का रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में कोरोना से बचाव को लेकर एसओपी भी पहले ही जारी कर दिया है. आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए कुल 53,480 मतदान केंद्र चिह्नित किए हैं.
राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 2,44,73,937 वोटर भाग लेंगे. जिसमें 1,26,13,219 पुरुष और 1,18,60,442 महिला और 276 थर्ड जेंडर हैं. वहीं 3,95,798 युवा वोटर पंचायत चुनाव में भाग लेंगे. मतदान बैलेट पेपर के जरिए कराने की तैयारी है, जिसके कारण मतगणना में समय लगेगा. आयोग ने मतगणना के दौरान होने वाली परेशानी और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर भी राज्य सरकार के अधिकारियों से बात की है. सभी तैयारियां पूरी होने के बाद पंचायत चुनाव की औपचारिक घोषणा होगी.
ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी की गयी अधिसूचना
बता दें, बीते शुक्रवार को पंचायती राज विभाग ने बिना ओबीसी आरक्षण को लेकर पंचायत चुनाव कराने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी थी. इसके तहत सभी जिलों के गजट में अधिसूचित अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को यथा स्वरूप रखा जाएगा. महिला या अन्य जिसके लिए जो अधिसूचित पद हो उसे खुली श्रेणी की सीट मानते हुए ही चुनाव कराया जाएगा. सभी जिला दंडाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पंचायती राज विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के आलोक में विभिन्न श्रेणियों की आरक्षित/अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित जिला गजट में आवश्यक संशोधन कर लिया जाए. इस संशोधन पर राज्य निर्वाचन आयोग के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी
इसी हफ्ते राज्यपाल से अनुमति के लिए भेजी जाएगी फाइल
इसी हफ्ते झारखंड पंचायत चुनाव 2022 को लेकर पंचायती राज विभाग मुख्य सचिव के माध्यम से राज्यपाल की स्वीकृति के लिए फाइल भी भेजा जाएगा. इस पर राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही राज्य में पंचायत चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार 10 अप्रैल तक पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है. बता दें, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से स्वतंत्र चुनाव चिह्नों को लेकर भी आदेश जारी कर दिया गया है. प्रत्येक पदों के लिए 24-24 चुनाव चिह्न तय किए गए हैं, जबकि इतने ही चुनाव चिह्न सुरक्षित रखे गए हैं.
ओबीसी आरक्षण का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
बता दें, इधर चुनाव से पहले गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर झारखंड में पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देना सुनिश्चित किए जाने की मांग कर चुके हैं. इस याचिका में झारखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव चाहती है.
दिसंबर 2020 में होना था त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इस बार बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने की तैयारी की है. झारखंड के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम के अनुसार पंचायत चुनाव में हो रही देरी ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देश पर राज्य सरकार विचार कर रही है. इसमें दोनों विकल्प खुला हुआ है और बगैर ओबीसी आरक्षण का भी चुनाव कराया जा सकता है. उनके अनुसार जल्द ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का एलान किया जायेगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली होने के कारण चुनाव नहीं हो सका फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता चला गया. ऐसे में झारखंड सरकार पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.