
रायगढ़: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के रायगढ़ जिले में एक राजस्व अधिकारी ने अपने अधीनस्थ अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने अतिक्रमण के एक मामले में मंदिर के बजाय भगवान शिव को नोटिस देने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया
रायगढ़ के उप मंडलीय मजिस्ट्रेट (SDM) युगल किशोर उर्वशा द्वारा नायब तहसीलदार विक्रांत राठौड़ को शनिवार को जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार, मंदिर के पुजारी या उसका प्रबंधन करने वाले लोगों के बजाय मंदिर के नाम पर नोटिस भेजना एकदम गलत है और ऐसे कृत्य बिलकुल भी सही नहीं हैं.
क्या था पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले मे एक अनोखा मामला सामने आया है जहां राजस्व कोर्ट में शुक्रवार को भगवान शिव की पेशी हुई. जहा राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद नहीं थे हाला की भगवान शिव का अगला तारीख 13 अप्रेल को गेट पर चस्पा मिला जो नोटिस पहले से दिया गया है उसमे 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की बात कही. अब भगवान स्वयं तो आ नहीं सकते थे, ऐसे में उस क्षेत्र के पार्षद सपना सिदार और भक्त यानी स्थानीय लोग शिवलिंग को ही उखाड़कर कोर्ट में ले आए, लेकिन कोर्ट में भी भगवान को राहत नहीं मिली, क्योंकि तहसीलदार के नहीं मिलने पर कोर्ट ने उन्हें अगली तारीख दे दी.
दरअसल, रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी मामले में रायगढ़ तहसील कोर्ट ने सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी. इसमें कई लोगों के पास अवैध कब्जे मिले. इसके बाद कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया. कहा गया कि तय तारीख को कोर्ट में हाजिर न होने पर 10 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ ही उनको बेदखल किया जा सकता है. वहीं किसी भी तरह के निर्माण पर भी रोक लगा दी गई थी.