बुखार में तप रहा है ये गांव, 1 माह में हुई 25 बुजुर्गों की मौत

पंचायत चुनाव के वक्त जैसी आशंका जता रहे है, वह सच साबित होती जा रही है। अब गांव-गांव में बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। घाटमपुर तहसील क्षेत्र के गांव परास, भदरस, जहांगीराबारा व पतारा के बाद अब इटर्रा में भी एक माह में 25 बुजुर्गों की मौत की खबर सुनने को मिली है। सभी बुखार, जुकाम व खांसी से पीड़ित थे।

सांस लेने में दिक्कत होने के उपरांत उनकी जान चली गई। मृतकों में कोरोना जैसे लक्षण देखकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हैं। इटर्रा गांव निवासी राम नरेश ने कहा कि उनके पिता रघुनंदन वर्मा (70) को 4 दिन पहले बुखार आया था और उनका घर पर ही उपचार किया जा रहा था। मंगलवार सुबह सांस में दिक्कत हुई। जब तक हॉस्पिटल ले जाते उनकी जान चली गई। ग्रामीण राम खिलावन ने कहा कि तीन-चार दिन से पिता सीताराम प्रजापति (54) को सिर दर्द, बुखार की शिकायत थी। उपचार कराया पर आराम नहीं मिला। सांस लेने में परेशानी हुई और जब तक अस्पताल के लिए घर से निकलते जान चली गई। 

इसी तरह गांव के रिटायर्ड शिक्षक रामबली (64), जमीला (70), रन्नो (75), सोमवती (80), कुंती देवी (80), गुरूप्रसाद (75), शिवराम तिवारी (74) समेत 25 ग्रामीणों की मौत 17 अप्रैल से अब तक हो चुकी है। मृतकों की कोरोना जांच नहीं हुई थी, जिस कारण पूरे गांव में दहशत बढ़ने लगी है।

गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा है और लोग एक-दूसरे को देखकर दूर भागने लगे है। नितिन तिवारी, रामबाबू, वीरेंद्र, विजय आदि ग्रामीणों ने कहा है कि मृतकों में से किसी को भी पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। मगर खांसी के साथ तेज बुखार और फिर सांस लेने की दिक्कत थी। कोरोना के लक्षण मानकर ग्रामीण आशंका जता रहे हैं कि सभी लोगों की जान कोरोना के संक्रमण से गई है।

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