राज्य के साथ कोयलीबेड़ा ब्लॉक में भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में 1से 19वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक गोली खिलाये गए–



पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–6.5.22
राज्य के साथ कोयलीबेड़ा ब्लॉक में भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में 1से 19वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक गोली खिलाये गए–
पखांजूर–
राज्य के साथ कोयलीबेड़ा ब्लॉक में भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस उत्सव के रुपमें प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों मनाया गया। स्वास्थ्य संयोजक निबास अधिकारी ,बिराझो टेकम,सेक्टर सुपर वाइजर रामनरेश ठाकुर, मंजु घोष ने कहां है कि ब्लॉक के 1वर्ष से 19वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक गोली खिलाऐ है।उक्त कार्यक्रम के दौरान निर्धारित डोज के अनुसार दवाई खिलाई जाएगी। जिसमें 1 से 2 वर्ष के बच्चों के अल्बेंडाजोल 400 एमजी टैबलेट को आधा चूरकर पानी के साथ खिलाया जाता है। 2 से 3 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूर कर पानी के साथ खिलाया है। इसके साथ ही 3 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरा टैबलेट चबाकर खिलाने हेतु सम्पूर्ण ध्यान रखते है।इसके बाद ही पानी का सेवन करना है। इस अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका, आशा कार्यकर्ता,समेत अन्य सहयोगी संगठन के कर्मियों एवं जन प्रतिनिधियों की सहयोग लिया जाता है।
कृमि नाशक गोली खाने से होने वाले लाभ
एनीमिया को कम करता है और पोषण में सुधार करता है।ग्रोथ और वजन बढ़ता है
मानसिक और शारीरिक विकास में सुधार करता है।अन्य संक्रमणों के लिए प्रतिरोध बढ़ाता है।बच्चों को अधिक सक्रिय बनाता है और उनकी क्षमता में सुधार करता।वर्तमान दिवस में आंगनबाड़ी केन्द्र में खिलाये एवं कुल दर्ज बच्चों में से छुटे गये बच्चों को 10मई तक मितनिनों(आशा) द्वारा घर-घर भ्रमण कर कृमि नाशक गोली खिलाये जायेंगे।आयरन की कमी दुर करने साप्ताहिक आयरन की गोली। गुलाबी एवं निली गोली हर मंगलवार बच्चों को खिलाऐंगे।गुलाबी गोली प्राथमिक शाला के बच्चों को एवं नीली आयरन गोली पूर्व माध्यमिक से लेकर कॉलेज के बच्चों को भी खिलाए जिनकी उम्र19वर्ष है और कृमिनाशक गोली खाने से छुटे है।लक्षित समस्त बच्चों को कृमिनाशक गोली खिलायें जायेंगे।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2015 से यह राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की कार्यक्रम चलाए जा रहे है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति का मुख्य उद्देश्य आंतों के कीड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बच्चों में मृदा-संचारित कृमि का पूर्ण उन्मूलन प्राप्त करना है। दुनिया की लगभग 24% आबादी मिट्टी से संक्रमित कृमि (कीड़े) से संक्रमित है।परजीवी कीड़े लोगों और जानवरों दोनों के समाज के लिए एक खतरा हैं। आंतों के कीड़े गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में पाए जाते हैं और शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।शौचालय का उपयोग करने से पहले और बाद में नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से हाथ धोने से आंतों के कीड़ों से बचा जा सकता है।आदि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में परजीवी से बचाव हेतु सामुदाम में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा प्रचार प्रसार किये गये है।