सामूहिक बलात्कार, फिर प्राइवेट पार्ट पर नुकीली चीज़ से कई वार….दरिंदगी की हदें पार

अजमेर: राजस्थान के अलवर में सामूहिक बलात्कार की शिकार एक मुक बधिर बच्ची को जयपुर के साथ चिकित्सकों की टीम ने आठ घंटे तक सर्जरी कर के बचा लिया है. लेकिन 16 वर्षीय नाबालिग के साथ जिस तरह से हैवानियत की गई है, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर भी उस दरिंदगी को देखकर सिहर गए. न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, बल्कि उसके निजी अंगों पर नुकीली चीज से वार कर लहूलुहान कर दिया गया था. प्राइवेट पार्ट में नुकीली चीज डाली गयी थी, जिससे पीड़िता का प्राईवेट पार्ट और मलद्वार एक हो गए थे. 

मंगलवार की रात अलवर में डॉक्टरों ने खून रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन रक्तस्राव नहीं रुका तो नाजुक हालत में किशोरी को जयपुर लाया गया. यहां पर चिकित्सकों का कहना है कि अब वह खतरे से बाहर है. वहीं, दो दिनों बाद भी अपराधी पकड़े नहीं गए हैं. पुलिस का कहना है कि 25 किमी के दायरे में 300 से अधिक CCTV फ़ुटेज की जांच की गई हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है कि आखिर एक मूक बधिर बच्ची कैसे हैवानों के हाथ लगी थी. इस पीड़ित बच्ची के माता पिता श्रमिक हैं. पीड़िता के अतिरिक्त उनकी एक बेटी और एक बेटा और हैं. पीड़िता को अंतिम बार लोगों ने 12 बजे देखा था, जब वह खेत के रास्ते से जा रही थी. उसके बाद वह लहूलुहान स्थिति में ओवर ब्रिज के नीचे से बरामद हुई. जयपुर से FSL की टीम अलवर में ही मौजूद है. असिस्टेंट डायरेक्टर राजेश सिंह ने बताया कि बलात्कार के बाद ओवर ब्रिज पर गाड़ी रोककर पीड़िता को वहां से नीचे फेंक दिया गया था. बच्ची का उपचार कर रहे JK लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर अरविंद शुक्ला ने कहा कि अब वह खतरे से बाहर है, लेकिन डॉक्टरों की टीम पीड़िता पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं.

बच्ची की स्थिति जानने पहुंची राजस्थान के महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने विश्वास दिलाया कि अपराधी जल्द ही गिरफ्त में होंगे. साथ ही उन्होंने पीड़िता के लिए छह लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, जिसमें पांच लाख रुपये सीएम अशोक गहलोत की तरफ से दिए जाएंगे, जबकि एक लाख रुपया महिला विकास मंत्रालय द्वारा दिए जाएंगे. अलवर से आने वाले सामाजिक न्याय मंत्री टीकाराम जूली ने भी अलवर में परिजनों को साढ़े 3 लाख रुपए की मदद दी है.

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