6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में वोटिंग शुरू, हर सीट पर दिलचस्प है लड़ाई
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों के लिए पानी नापने का समय आ गया है। छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर कुछ देर में वोटिंग शुरू होने वाली है। वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी। इन चुनावों को सरकार के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।
नई दिल्ली: छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर वोटिंग शुरू हो चुकी है। ये उपचुनाव (Bypolls) बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (ईस्ट), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनुगोडे, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे हैं। इन राज्यों में उपचुनावों की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि मौजूदा विधायक की या तो मृत्यु हो गई या फिर उन्होंने दल बदल लिए या आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया। वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी। गुजरात (Gujarat Elections 2022) और हिमाचल में विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Elections 2022) से पहले इन चुनावों को लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। आइए, यहां इन सभी सात सीटों के चुनावी समीकरण के बारे में जानते हैं:
1. मोकामा (बिहार): ‘छोटे सरकार’ की सीट पर दावेदारी
मोकामा विधानसभा सीट राज्य की सबसे हॉट सीट मानी जाती है। इस सीट से 4 बार बाहुबली विधायक अनंत सिंह चुनाव जीत चुके हैं। सजा मिलने के कारण अनंत सिंह की विधायकी जा चुकी है। वह जेल में बंद हैं। इसी के चलते मोकामा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले में है। इस सीट पर भूमिहार वोटरों का दबदबा है। अनंत सिंह भी भूमिहार हैं। भूमिहार के बाद यहां ब्राह्मण, कुर्मी, यादव, पासवान वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है। वहीं, इस सीट पर राजपूत और रविदास जातियों के भी वोटर हैं। पूर्व विधायक अनंत सिंह यहां ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर हैं। अनंत चाहे किसी पार्टी के बैनर तले लड़े हों या फिर निर्दलीय, जीत उनकी ही होती आई है। इस बार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में उतरी हैं। उनके सामने भूमिहार कैंडिडेट ही है। राष्ट्रीय जनता दल से चुनाव लड़ रही नीलम के सामने बीजेपी से सोनम देवी होंगी।
2. गोपालगंज (बिहार): सुभाष सिंह की विरासत दांव पर
पूर्व बीजेपी मंत्री और विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। उपचुनाव में सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी इस सीट पर कब्जा कायम रखने की कोशिश करेंगी। कुसुम को सहानुभूति लहर के सहारे विधानसभा पहुंचने की उम्मीद है। उनके सामने आरजेडी के मोहन गुप्ता, बहुजन समाज पार्टी की इंदिरा यादव (लालू प्रसाद के साले अनिरुद्ध यादव की पत्नी) और एआईएमआईएम के असलम मुखिया चुनौती पेश करेंगे। भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर पांचवीं बार अपनी जीत कायम रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी। गोपालगंज लालू का गृहजिला है। ऐसे में आरजेडी इस सीट को जीत कर अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करना चाहेगी। बीजेपी से गठबंधन खत्म करने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव पहली चुनावी परीक्षा है।
3. गोला गोकर्णनाथ (यूपी): सीट पर फिर से बीजेपी को चुनौती गोला गोकर्णनाथ सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कब्जा था। यहां से बीजेपी विधायक अरविंद गिरी का 6 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। अरविंद गिरी लखीमपुर खीरी जिले की गोला सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। अरविंद पहले समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा में भी रह चुके थे। वह सपा से तीन बार विधायक रहे थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। वे पहली बार 1996 में विधायक बने थे। 2014 का लोकसभा चुनाव भी वह लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट से लड़े थे। इसके बाद 2017 और 2022 में बीजेपी के टिकट पर गोला गोकर्णनाथ के विधायक बने थे। उन्होंने सपा के विनय तिवारी को हराया था। अरविंद गिरि इस इलाके में खासे लोकप्रिय थे। वह गोला नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे। इस बार चुनाव में बीजेपी ने उनके बेटे अमन गिरि को मैदान में उतारा है। उनकी टक्कर पूर्व विधायक और सपा कैंडिडेट विनय तिवारी से है।
4. आदमपुर (हरियाणा) : कुलदीप बिश्नोई की अग्निपरीक्षा
हरियाणा के आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल का कब्जा रहा है। 2009 में भजनलाल की बहू और कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई इस सीट से विधायक बनी थीं। भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। कुलदीप बिश्नोई इस सीट से अपने बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़वाना चाहते थे। उनके बेटे भव्य ने हिसार से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, वह चुनाव हार गए थे। उन्होंने भी अगस्त में कांग्रेस छोड़ दी थी। इस बार भव्य बीजेपी से मैदान में उतर रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस ने जय प्रकाश को उतारा है। वहीं, भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) ने के. नंबरदार पर दांव खेला है। आम आदमी पार्टी भी यहां पानी नाप रही है। उसने सतेंदर सिंह को मैदान में उतारा।
5. अंधेरी (ईस्ट), महाराष्ट्र: उद्धव और एकनाथ गुट की परीक्षा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की लोकप्रियता की यहां पहली परीक्षा होगी। अंधेरी (ईस्ट) सीट का प्रतिनिधित्व शिवसेना विधायक दिवंगत रमेश लटके करते थे। उनके असमय निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दिवंगत लटके की पत्नी रुतुजा लटके को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने चार निर्दलीय कैंडिडेट हैं।
6. मुनूगोड़े (तेलंगाना) : टीआरएस को चुनौती देगी बीजेपी तेलंगाना की मुनूगोड़े विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में टीआरएस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला होगा। कांग्रेस विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफा देने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। रेड्डी अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए है। वह अब बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस ने पलवई श्रावंती को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। टीआरएस ने के प्रभाकर रेड्डी पर दांव लगाया है।
7. धामनगर (ओडिशा): बीजेपी कायम रखना चाहेगी कब्जा ओडिशा के भद्रक जिले में धामनगर विधानसभा क्षेत्र पड़ता है। 9 सितंबर को बीजेपी विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव हो रहा है। बीजेपी इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहेगी। पार्टी ने बिष्णु के बेटे सूर्यबंशी सूरज को मैदान में उतारा है। उनके सामने बीजू जनता दल (बीजेडी) के अबंती दास और कांग्रेस के बाबा हरेकृष्णा सेठ चुनौती पेश करेंगे। पूर्व विधायक राजेंद्र दास निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव में किस्मत आजमाएंगे।