दिनेश दुबे 9425523689
आप की आवाज
*सही रणनीति दिलाएगी सिविल सविर्सेज में सफलता – दिलराज प्रभाकर(आई.एफ.एस.) सी एफ छ. ग. शासन)*
*प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कैसे करें? विषय पर समाधान महाविद्यालय में कार्यशाला आयोजित*
*आईएफएस में ऑल इंडिया टॉपर रहे पूर्व छात्र नवोदय विद्यालय श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया अपनी सफलता की कहानी*
बेमेतरा=समाधान महाविद्यालय एवं समाधान प्राईवेट आई.टी.आई में एक दिवसीय कायर्शाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय रहा सिविल सर्विसेज एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कैसे करें? जिसकी पूरी जानकारी आई.एफ.एस. अधिकारी दिलराज प्रभाकर जी द्वारा दिया गया। नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र और वर्तमान में 14 वर्षों से छ.ग. शासन में कार्यरत अत्यंत सक्रिय अधिकारी दिलराज प्रभाकर जी ने अपने जिंदगी में वे स्वयं कैसे सफल हुए इसका पूरा उल्लेख किये और बताये कि वे शुरू से प्रतिभावान विद्यार्थी नहीं थे अपितु काॅलेज में शुरुआत में औसत से भी कम थे। बी.एस.सी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण हो गये थे। गांधी जी के इस उक्ति/नारे करो या मरो से प्रेरित होकर निर्णय लिये कि कुछ करना है और स्नातक के बाद पढ़ाई में अच्छे से ध्यान देना शुरू किये। उन्होंने कहा कि यदि मेेरे जैसा विद्यार्थी सफल हो सकता है तो आप सभी सफल हो सकते हैं। उन्होने छात्र- छात्राओं को समझाया की कैसे आप सिविल सर्विसेस और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर सकते है, तैयारी के लिए आप कैसे समय सारणी बनाए व उनका पालन करे। छात्र अपना कैरियर किसी अन्य के कहने पर चयन न करें, बल्कि जिस क्षेत्र में आपकी रूचि है, उसी क्षेत्र का चयन करें। सिविल सर्विसेज में वे ही लोग आते है, जो की बुद्धिमान होते है न की विद्यावान होते है। सिविल सर्विस में सफलता के लिये आप थ्री हॉर्स फाॅमुर्ला को अपनाये। कैसे पढ़े? कैसे समझे? और कैसे बोले? आपका बोलना ही आपके व्यक्तित्व को दिखाता है। सही रणनीति, समय प्रबंधन सफलता के लिए जरूरी है। अधिकांश विद्यार्थी साल भर अच्छे से तैयारी के बाद भी अंतिम समय में नवर्सनेस की वजह से बेहतर परिणाम नही दे पातें है। इस समय ज्ञान बढ़ाने से ज्यादा अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें, क्योंकि साक्षात्कार आपके ज्ञान का परीक्षण नही, बल्कि आपके व्यक्तित्व का परीक्षण है। इसलिए साक्षात्कार के पहले तथ्यों को याद करने में ज्यादा समय बबार्द न करें।*
*ग्रुप डिस्कशन अवश्य करें सेल्फ स्टडी के साथ ही ग्रुप डिस्कशन भी करें। इससे आपको अपने विचारों को प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा वही दुसरी ओर आप में आत्मविश्वास झलकता दिखाई देगा। विचारों का आपस में सभी से आदान प्रदान होगा जिसके मदद से तथ्यों को सीखने समझने में सरलता होगी, वरन् आप कहीं पर संशय की स्थिति में आ जाते है तो अन्य की मदद से अपनी संशयता को दुर कर सकते है अतः सेल्फ स्टडी के साथ ही ग्रुप डिस्कशन भी करें यह महत्वपूर्ण है।*
*अपने क्षेत्र की जानकारी बेेहतर तरीके से रखें जहां आप पले बढ़े है उस स्थान की भाषा व बोली,लोग,संस्कृति,त्यौहार सभी के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करें क्योकि प्रश्न किसी भी विषय से जुड़ा हो सकता है। साक्षात्कार में किस तरह से अपनी बात को प्रस्तुत करना है, वो कला आना चाहिए। साक्षात्कार कर्ता आपकी विषय पर पकड़ से ज्यादा आपके अपने विचारों को प्रस्तुत करने के तरीकों और आपके आत्मविश्वास को जांचता है। साक्षात्कार का उद्देश्य आपके पढ़ाई तक सीमित नही रहती वे आपको देखना और परखना चाहतें है कि आप चीजों को किस तरह से संभालते है। उस परिस्थिति का सामना करने पर आप अपनी कौशल दक्षता से किस तरह सुलझाते और समझते है। पढ़ाई के साथ-साथ ही अपने आस- पास की घटनाओं को जाने, समझे व उनके समाधान के बारे में अवश्य सोचे की आप यथास्थान होते तो आप क्या करते? कुछ अलग करते क्या आपके पास और कोई अन्य उपाय है अगर हाॅं तो वह क्या है तथा आप उसे किस प्रकार करते। इस महत्वपूर्ण कायर्शाला में महाविद्यालय संचालक डाॅ. अवधेश पटेल, प्राचार्य डाॅ. पी.एल. यादव, आई.टी.आई. प्राचार्य आशा झा, एडमिन उमेश राजपूत एवं प्रध्यापकगण व 200 सौ से भी अधिक विद्यार्थी सम्मिलित हुए। सभी विद्यार्थी इस कायर्शाला से लाभान्वित हुये व अत्यंत सकारात्मक फीडबैक दिये।*