
राज्य सरकार और जिला प्रशासन आदिवासियों की विकास और हित के लिए विभिन्न योजनाएं ला रही है लेकिन रायगढ़ का एक ऐसा कंपनी जो…
रायगढ़ : छत्तीसगढ़ में आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है साथ मे इस अवसर में हर जिले में आदिवासी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ।
छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन के द्वारा आदिवासी के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है चूंकि छत्तीसगढ़ राज्य एक आदिवासी बहुल क्षेत्र राज्य है जिसमें आदिवासी के हितों की रक्षा करना शासन एवं जिला प्रशासन का कर्तव्य है आदिवासी दिवस पर आदिवासी बच्चों के लिए भी जिला प्रशासन के द्वारा तरह-तरह की योजनाएं योजनाओं का शुभारंभ हुआ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल आदिवासी होनहार बच्चों को प्रोत्साहन किया तो वहीं दूसरी तरफ वन अधिकार पट्टा भी दिया गया मैं किसी प्रकार का कोई शक नहीं होना चाहिए कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन आदिवासी विकास के लिए तरह-तरह की योजनाएं प्रारंभ कर रही है फिर उनके हित के लिए सोच रही है राज्य सरकार और जिला प्रशासन के आदिवासी विकास कार्यों को धूलित करने में कुछ चुनिंदा लोगों लगे हुए हैं ऐसा ही एक मामला शालो दर शालो से चलता आ रहा है रायगढ़ जिले में एक ऐसा उघोग है जिसने हमेशा आदिवासियों का शोषण किया है और किया जा रहा है,गांव छोटे भंडार तहसील पुसौर में स्थित अडानी पावर प्लांट का है ,जब यह कंपनी स्थापित हुआ तब परसदा रायपुर से गरीब आदिवासी को लाकर गांव सरवानी और अमलीभौना के आदिवासी के जमीनों की खरीदारी किया गया और अडानी पावर अपने रेलवे लाइन के भूमि को बस्तर से आदिवासी लाकर कोतमरा और गोर्रा में जमीन खरीदा गया है जिसमें वर्तमान में अडानी पावर प्लांट का कब्जा है
इसी प्रकार अडानी पावर कंपनी ने ग्राम-बड़े भंडार में एक महिला आदिवासी के भूमि खसरा न -202/4 कुल रकबा 21 डिसमिल में अवैध कब्जा कर रखा है और शसकीय भूमि ग्राम-बड़े भंडार ,छोटे भंडार और सरवानी के आम निस्तार की भूमि खेल मैदान ,सड़क ,तालाब व नाला की कुल लगभग 8 एकड़ भूमि को अवैध कब्जा करके विगत
इस तरह अडानी पावर कंपनी ने पता नहीं कितने स्थानीय लोगो के भूमि में अवैध कब्जा किये हुआ है और शासन जिला प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है जो समझ से परे है।