सिम्स के रेडियोलॉजी विभाग डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा हैं

मरीज हो रहे बेहाल रोज 10मरीजों को अगले दिन की तारिक देकर लौटाने पर विभाग मजबूर

बिलासपुर मेडिकल के कॉलेज  शासकीय छत्तीसगढ़ इंटीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की कमी भारी पडऩे लगी है। यहां एक प्रोफेसर के भरोसे ही काम चल रहा है। इसके चलते यहां ओपीडी के मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। प्रतिदिन यहाँ 2हजार से अधिक ओपड़ी मरीजों का आवागमन होता हैं और आईपीड़ी 700 से अधिक इन मरीजों में से बहुतो का रेडियोलॉजी से जुडी जाँच जैसे एक्सरे, सोनोग्राफी, सिटी स्कैन एम आर आई वगैरह होनी हैं वही रेडियोलॉजी विभाग में कुल 11 पद स्वीकृत है जिसमें एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, तीन एसिस्टेंट प्रोफेसर, पांच सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की पद स्वीकृत है, वर्तमान में 1 प्रोफेसर डॉ.अर्चना सिंह नियमित हैं  2 बॉन्ड प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है। रेडियोलॉजी विभाग में अधिकतर पद खाली होने की वजह से मरीजों को एक्सरे, सोनोग्राफी, कलर ड्रॉपर, सिटी स्कैन, एमआरआई जैसी जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। सोनोग्राफी कराने आए मरीज ने बताया कि सुबह से सोनोग्राफी कराने आए है पर शाम 4 बजे तक उनका सोनोग्राफी नहीं हो सका है।
रेडियोलॉजी विभाग के वेटिंग एरिया में बैठे अपनी बारी का इंतिजार करते मरीजों से पूछने पर सभी मायूसी भरा प्रतिक्रिया दी हैं सुबह का समय तो इतना भीड़ होता हैं की शोर शराबे के बिच काम होता हैं जिनको सम्हालना किसी जंग लड़ने से कम नही ऐसी स्थिति में मरीजों को कितना बेहतर इलाज हो रहा हैं इस पर सिम्स प्रशासन को विचार करना चाहिए

इस विषय पर  रेडियोलॉजी विभाग की एचओडी प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह का कहना है कि मरीजों को कोई तकलीफ ना हो इसको लेकर प्रयास किया जाता है प्रतिदिन एक्सरे के 200 मरीज, सोनोग्राफी के 60, सिटी स्कैन के करीब 50, एमआरआई के 12 और कलर ड्रॉपलर के 2 मरीजों की जांच होती है बचे हुए मरीजों को अगले दिन का टोकन देकर बुलाया जाता है और जांच की जाती है।

वही सिम्स हॉस्पिटल के डीन डॉ रमणेश मूर्ति का कहना है कि हमने राज्य शासन को अपनी मांग पत्र भेजा दी है और कहा भी है की फेकल्टी की कमीं के कारण जांच रिपोर्ट देने में भी लेट लतीफी होती है, उन्होंने बताया की प्रोफेसर का एक पद, एसोसियेट प्रोफेसर के दो पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के तीन और सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर के पाँच पद के विरुद्ध वर्तमान में सिर्फ़ एक प्रोफेसर बस हैं और दो डॉक्टर रूलर बांड वाले हैं, पत्र के माध्यम से चार एसआर पोस्ट की माँग भी की गई है ताकि व्यवस्था को नियंत्रित रखा जा सके

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button