
सूरजपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से जारी है। इस बीच प्रशासन ने किसानों को महत्वपूर्ण राहत देते हुए बताया कि यदि किसी किसान का खसरा नंबर एग्रीस्टैक पोर्टल में धान विक्रय हेतु दर्ज नहीं हो पाया है, तो वे नजदीकी लोक सेवा केंद्र या च्वाइस सेंटर में जाकर अपने छूटे हुए खसरों को पंजीयन में जोड़ सकते हैं। जानकारी अपडेट होते ही किसान अपने कुल पंजीकृत रकबे के अनुसार धान की बिक्री कर सकेंगे।
शिकायत और निगरानी व्यवस्था मजबूत
धान उपार्जन से संबंधित किसी भी शिकायत या सुझाव के लिए खाद्य विभाग ने टोल-फ्री नंबर 1800-233-3663 जारी किया है। इसके अलावा सूरजपुर जिले में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तथा कॉल सेंटर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, जो—
- धान की रीसाइक्लिंग रोकने,
- बिचौलियों की गतिविधियों पर नियंत्रण,
- धान के उठाव और परिवहन की निगरानी
सुनिश्चित कर रहे हैं।
जिले के कॉल सेंटर का नंबर 07775-266116 है।
अब तक 10,180 क्विंटल धान खरीदा
जिले में अब तक 10 हजार 180 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। शासन द्वारा रकबा सुधार, नए पंजीयन और कैरी फॉरवर्ड के लिए किसानों को अंतिम अवसर देते हुए 19 से 25 नवंबर तक तहसीलदार मॉड्यूल में सुधार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खाद्य विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपने पंजीकृत रकबे की जानकारी अवश्य जाँचें और आवश्यक सुधार समय पर पूरा करें।
किसानों के लिए टोकन की नई व्यवस्था
इस वर्ष किसानों के टोकन वितरण में विशेष प्रावधान किए गए हैं—
- 2 एकड़ तक भूमि वाले किसानों को पहला टोकन
- 2 से 10 एकड़ वाले किसानों को दूसरा टोकन
- 10 एकड़ से अधिक रकबा रखने वाले कृषकों को तीसरा टोकन
किसान उपार्जन केंद्र में जाकर या टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऐप (प्ले स्टोर पर उपलब्ध) से खुद भी टोकन प्राप्त कर सकते हैं।
धान लाते समय ध्यान दें ये महत्वपूर्ण बातें
प्रशासन ने किसानों को सलाह दी है कि वे धान को—
- अच्छी तरह सुखाकर,
- 17 प्रतिशत से कम नमी रखते हुए,
- साफ-सुथरा करके
समिति में लाएं। साथ ही धान परिवहन के दौरान टोकन, ऋण पुस्तिका और आधार कार्ड अपने साथ अवश्य रखें।
जिला प्रशासन ने किसानों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि निर्धारित नियमों का पालन करते हुए समय पर धान विक्रय प्रक्रिया पूरी करें, ताकि खरीदी कार्य बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से संपन्न हो सके।














