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भाजपा नेताओं के खिलाफ 134 से ज्यादा केस दर्ज किए गए थे, इनमें 54 केस खत्म किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज राजनीतिक प्रकरण को साय सरकार खत्म करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर दंगा भड़काने, शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और अफसरों से विवाद करने का आरोप लगाकर अलग-अलग जिलों में
साय कैबिनेट की बैठक में मंत्रिपरिषद की उप समिति ने प्रकरणों को खत्म करने की सिफारिश की थी। बीजेपी के जिन नेताओं के केस वापस लिए जाएंगे उनमें मंत्री, विधायक से लेकर राज्य स्तर और जिला स्तर के नेता शामिल हैं। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि सिर्फ बड़े नेताओं के केस वापस लिए जा रहे हैं, कार्यकर्ताओं के केस भी खत्म करें।
![कैबिनेट की बैठक के दौरान सीएम और डिप्टी सीएम।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/12/03/image-2024-12-03t014156844_1733170327.jpg)
कैबिनेट की बैठक के दौरान सीएम और डिप्टी सीएम।
इन नेताओं को मिलेगी राहत
गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन नेताओं के केस खत्मा किए जाएंगे उनमें मंत्री दयालदास बघेल, शकुंतला पोर्ते, उद्धेश्वरी पैकरा, सुशांत शुक्ला, कृष्णकांत चंद्र, योगेश्वर राजू सिन्हा, गजेंद्र यादव, रिकेश सेन और सौरभ सिंह जैसे सीनियर लीडर समेत प्रदेश और जिला स्तर के 54 नेता शामिल हैं।
![मंत्री दयालदास बघेल और विधायक रिकेश सेन।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/12/03/dayal_1733201441.jpg)
मंत्री दयालदास बघेल और विधायक रिकेश सेन।
पहले 54 प्रकरण खत्म किए जाएंगे
मंत्री परिषद की ओर से गठित उपसमिति के सामने राजनीतिक प्रकरण आने से पहले गृहमंत्री कार्यालय में इन प्रकरणों की समीक्षा हुई थी। समीक्षा बैठक में मंत्री राम विचार नेताम और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने शामिल होकर अधिकारियों से चर्चा की थी। पहले 54 प्रकरणों का खत्म कराए जाएंगे।
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भूपेश कार्यकाल में बीजेपी नेताओं के खिलाफ फर्जी FIR
बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने दैनिक भास्कर से कहा, कि भूपेश सरकार में भ्रष्टाचार और प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी हो रही थी। बीजेपी के नेता तत्कालीन सरकार का विरोध करने जब सड़कों पर उतरते थे, तो उनके खिलाफ एफआईआर करवाकर धमकी दी जाती थी।
बीजेपी सरकार आने के बाद जनता के लिए काम करने वाले बीजेपी के नेता-कार्यकर्ताओं पर लगे झूठे मुकदमों को खत्म करने की प्रक्रिया की जा रही है।
![बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/12/03/kedar_1733218248.jpg)
बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता।
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कांग्रेस कार्यकाल में भी खत्म किए गए थे केस
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक प्रकरण खत्म किए जाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकाल में भी तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने अपने मंत्रियों के साथ मिलकर इसी तरह का निर्णय ले चुके हैं। कांग्रेस सरकार में तत्कालीन गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में समिति बनी थी।
समिति ने 21 राजनीतिक प्रकरण खत्म करने की सिफारिश की थी। फिर तत्कालीन सरकार ने कांग्रेस नेताओं के राजनीतिक प्रकरण को खत्म कराया था। साय सरकार भी इसी तैयारी में है।
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100 से ज्यादा दागी नेताओं ने लड़ा था चुनाव
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2023 में 100 से ज्यादा दागी नेताओं ने चुनाव लड़ा था।
इनमें से कांग्रेस के 13, बीजेपी के 12, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के 11, आम आदमी पार्टी के 12, बीएसपी के 2, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के 8, हमर राज पार्टी के 6, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 5, एसपी, जनता कांग्रेस पार्टी, नेशनल यूथ पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, आजाद जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, बलिराज पार्टी, लोकजनशक्ति पार्टी, सीपीआई, छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी, भारतीय सर्वजनहिताय समाज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से 1, गण सुरक्षा पार्टी से 2 और निर्दलीय 16 दागी प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।