विशाखापत्तनम: कोरोना महामारी के संक्रमण से लड़ने के लिए सरकार की ओर से नागरिकों को देशभर में वैक्सीन अभियान चलाया जा रहा है. इस बीच देश में कई भ्रम फैलाने वाले दावे भी किए जा रहे है. कोई गौमूत्र और गोबर से कोरोना के उपचार का दावा कर रहा है तो कोई जादू टोने से. इसी किस्म का एक मामला आंध्र प्रदेश से प्रकाश में आया है. जहां पर राज्य के तटिय जिले नेल्लोर स्थित कृष्णापट्टनम गांव में कोरोना के इलाज के लिए लोगों को एक जादुई आयुर्वेदिक दवा दी जा रही है.
दवा देने वाले व्यक्ति का दावा है कि उसकी इस दवा से कोरोना के रोगी स्वस्थ हो रहे हैं. यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोग न केवल दूर दराज इलाकों से बल्कि पड़ोस के तमिलनाडु से भी पहुंच रहे है और लंबी लंबी कतारों में इस दवा को वितरित किया जा रहा है. वहीं लोग भी दावा कर रहे हैं कि इस दवा को लेने से कोरोना के मरीज स्वस्थ हो रहे हैं. लोग इस दवा की तीन डोज लेने के लिए रोज लंबी लंबी कतारों में लग रहे हैं. खुद को आयुर्वेदिक चिकित्सक बताने वाले आनंदैया का कहना है कि इस दवा से उन्होंने कोरोना मरीजों का सफल उपचार किया है.
अब जिला कलेक्टर ने चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को इस पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. गांव में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया है. कोरोना की इस जादुई आयुर्वेदिक दवा को लेने के लिए आसपास के गांव के अलावा दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. प्रशासन ने इस पर नजर रखे हुए है, फिलहाल सावधान के तौर पर इस दवा के वितरण पर रोक लगा दी गई है. आयुष आयुर्वेद के डॉक्टर इस दवा की जांच कर रहे हैं इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.