
मां के निधन के बीच तनावपूर्ण माहौल, पुलिस की कड़ी सुरक्षा
अमित बघेल सरेंडर, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना, देवेंद्र नगर थाना
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने शुक्रवार को देवेंद्र नगर थाने में सरेंडर कर दिया। सरेंडर के दौरान थाने के बाहर तनावपूर्ण स्थिति बन गई, लेकिन पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करते हुए बघेल को सुरक्षित अंदर ले लिया।
सरेंडर के दौरान तनाव: भीड़ ने घेरा, हमला करने की कोशिश
सरेंडर की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग थाने के बाहर जुट गए।
- भीड़ ने बघेल को घेरकर हमला करने की कोशिश की
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति बेकाबू होने से पहले संभली
- बघेल को सुरक्षा घेरा बनाकर थाने के अंदर ले जाया गया
पुलिस ने एहतियात के तौर पर थाने के आसपास अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।
मां का निधन: पथरी गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी
इस बीच अमित बघेल की मां का निधन हो गया है।
- पार्थिव शरीर को उनके गृह ग्राम पथरी ले जाया गया
- अंतिम संस्कार की तैयारी जारी
- संभावना है कि बघेल कोर्ट में जमानत या विशेष अनुमति की मांग करेंगे ताकि अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें
लगभग दो महीने से फरार: आपत्तिजनक बयान बना वजह
अमित बघेल पिछले दो महीनों से आपत्तिजनक बयान के मामले में फरार थे।
- राज्यभर में उनकी तलाश जारी थी
- मां के निधन के बाद उन्होंने सरेंडर का फैसला लिया
सुप्रीम कोर्ट की फटकार: अग्रिम जमानत याचिका खारिज
26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी।
कोर्ट ने कहा—
- “अपनी जुबान संभालें और कानूनी प्रक्रिया का सामना करें।”
- FIR के खिलाफ उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि पुलिस जरूरत पड़ने पर उन्हें किसी भी राज्य में ले जा सकती है।
12 राज्यों में FIR, 26 दिनों से थे लापता
अमित बघेल पर देशभर के 12 राज्यों में मामले दर्ज हैं।
- पुलिस उन्हें इंटर-स्टेट ट्रांजिट के तहत ले जा सकेगी
- सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में दखल देने से इनकार किया
कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ी, रिमांड प्रक्रिया की तैयारी
सरेंडर के बाद शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है—
- कोर्ट परिसर, थाने और मुख्य स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल
- रिमांड प्रक्रिया के लिए व्यापक तैयारियाँ
- पुलिस हालात पर पैनी नजर रखे हुए है
पृष्ठभूमि: मूर्ति विवाद और विवादित बयान से भड़का था तनाव
विवाद की शुरुआत 27 अक्टूबर को हुई, जब बघेल ने
अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल को लेकर विवादित बयान दिया।
उससे एक दिन पहले रायपुर के VIP चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ी गई थी।
- क्रांति सेना ने हंगामा किया
- पुलिस से झड़प हुई
- आरोपी बाद में मानसिक रूप से अस्वस्थ और नशे में पाया गया
इन घटनाओं ने प्रदेश में तनाव को बढ़ा दिया था।














