
धमतरी जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र में 29 मार्च को हुई पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने मृतक की पत्नी को 3 लाख रुपये और माता-पिता को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों के अनुसार, पुलिस हिरासत में हुई मौतों के मामलों में मुआवजा देना सार्वजनिक कानून के तहत आवश्यक उपाय है।
कोर्ट ने गृह विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि मृतक के परिजनों को आठ सप्ताह के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।