रायगढ़ : ज्ञात हो कि फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा लारा एनटीपीसी में फ्लाईएश परिवहन का कार्य किया जाता है। इस संगठन में 50 से अधिक ट्रांसपोर्टर शामिल है, जिनकी करीब 400 गाड़ियों से फ्लाई एश की नियमित ट्रांसपोर्टिंग होती है।
एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से ntpc प्रबंधन लगातार भाड़े में कटौती करता आ रहा है। जिसके चलते ट्रांसपोर्टर बहुत ज्यादा परेशान है। गाड़ियों के किस्त तो छोड़ो खर्चे निकालना भी मुश्किल हो गया है, जिसके चलते बहुत से ट्रांसपोर्टर सड़क पर आने की कगार में हैं। बार-बार ट्रांसपोर्टर के द्वारा इस समस्या से प्रबंधन को अवगत कराये जाने के बावजूद एनटीपीसी लारा प्रबंधन के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई। बात यही खत्म नहीं होती है अब कंपनी प्रबंधन के द्वारा बाहरी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे स्थानीय ट्रांसपोटरों की समस्याएं दुगुनी हो गई है। कई ट्रांसपोर्टर सड़क पर आने की कगार में आ गए हैं।
अभी कुछ दिन पहले फ्लाई एश परिवहन को लेकर एनटीपीसी लारा में लोकल और बाहरी ट्रांसपोर्टर आमने-सामने आ गए थे। जब बिलासपुर के ट्रांसपोर्टर ने गुंडों के बल पर अपनी गाड़ियां लोड करवा रहा था।जिसका विरोध किए जाने के बाद पूरी घटना की सूचना ntpc लारा प्रबंधन को दी गई थी। परन्तु प्रबंधन ने स्थानीय ट्रांसपोर्टर एवं उनके परिवारों पर आए इस गंभीर संकट पर कुछ नहीं किया। इसी स्थिति में स्थानीय ट्रांसपोर्टरों ने आज से लारा में मजबूरन अनिश्चित कालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया और 1 दिसंबर से स्थानीय ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
धरने में शामिल ट्रांसपोर्टरों ने अपनी कुछ जायज मांगों को लेकर प्रबंधन के खिलाफ शांति पूर्ण प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रबंधन और प्रशासन ने उनकी समस्या जानी। रायगढ़ फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता ने कहा कि लगातार भाड़े में कमी से गाड़ियों का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। ट्रांसपोर्टरों ने गाड़ियां किस्त में ली है और फ्लाईएश परिवहन कर किस्त पटाते हैं एवं अपने परिवारों का भरण-पोषण करते हैं। इन हालात में किश्त पटना तो दूर गाड़ियों का ही खर्च नहीं निकल पा रहा है, जिससे ट्रांसपोर्टर बहुत ज्यादा मानसिक रूप से परेशान है एवं उनके परिवार पर भी रोटी रोजी का संकट छाया है।
एनटीपीसी प्रबंधन को स्थानीय ट्रांसपोर्टरों एवं उनके परिवार पर आए इस संकट से कोई मतलब नहीं है। कंपनी प्रबंधन स्थानीय ट्रांसपोर्टर की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में हम अपने हितों की रक्षा के लिए हड़ताल करने पर विवश हुए है। वही रायगढ़ फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष करन चौधरी ने कहा कि कंपनी द्वारा स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की लगातार उपेक्षा कर उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को एकदम से अलग कर दिया गया है। प्रबंधन से सही रेट नहीं मिलने के कारण गाड़ियां ओवर लोड चल रही है
जिससे सड़क तो खराब हो ही रही है बल्कि दुर्घटनाएं भी बढ़ी है। ऊपर से बाहरी ट्रांसपोर्टरों और गाड़ियों को लारा प्रबंधन के द्वारा अधिक तवज्जो दिया जा रहा है, जिससे आज स्थानीय ट्रांसपोर्टर सड़क पर आने की स्थित में है। स्थानीय ट्रांसपोर्टर और लोगों की ऐसी उपेक्षा बर्दाश्त के बाहर है और हम यह होने नहीं देंगे। प्रबंधन और प्रशासन ने आज धरना स्थल में आकर हमारी कुछ मांगों को जायज जरूर ठहराया है। परन्तु हमारी समस्याओं के पूर्ण समाधान तक हमारा शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।