
छुरा गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज संपर्क सूत्र=8815207296
छुरा कोसमी मंगलवार को संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर कमर छठ की पूजा की भगवान शिव की आराधना करके बिना हाल के साथ सब्जी और पास हर चावल का भोग बनाकर ग्रहण किया महिलाओं ने शिवा मंदिरों में और घरों में पूजा संपन्न की
छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार
कमर छठ व्रत छत्तीसगढ़ की प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है। इसे हल छठ या हाल हालषष्ठी भी कहा जाता है। इस व्रत को करने वाली माताएं निर्जला रहकर शिवा= पार्वती की पूजा करती है। सागरी बनाकर सारी रस्मे भी निभाई गई और कमर छठ की कहानी सुनकर शाम को डूबते सूर्य को अध्य देने के बाद अपना व्रत खोलेगी इस व्रत को यूपी बिहार के पावन छठ व्रत की तरह ही माना जाता है जो संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है
तकरीर बनाकर की पूजा
कमर छठ की पूजा के लिए महिलाएं गली मोहल्ले में मिलकर प्रति स्वरूप दोसागरी के साथ मिट्टी की नाव बनाया और फूल पत्तों से सगड़ी को सजाकर वहां महादेव व पार्वती की पूजा की। दिन भर निर्जला व्रत रहकर शाम को सूर्य डूबने के बाद व्रत खुलेगी
यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है बिहार में जिस तरह छठ मैया की पूजा होती है उसी तरह छत्तीसगढ़ में कमर छठ का महत्व है जो संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है