Raigarh News: कांग्रेस के कार्यकाल में प्रारम्भ हुई 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन योजना का श्रेय ले रही बीजेपी सरकार-अनिल शुक्ला
Raigarh News : रायगढ : जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रेस बिज्ञप्ति जारी कर बताया कि जिस 80 करोड़ जनता को मुफ्त राशन देने संबंधी बैनर प्रधान मंत्री मोदी जी अपनी तस्वीर लगवाकर देश मे लगवा रहे हैं वहः 2013 की कांग्रेस सरकार के समय डॉ मनमोहन सिंह द्वारा लांच व प्रारम्भ की गई योजना थी जिसका कि गलत क्रेडिट वर्तमान केंद्र सरकार ले रही है जो घोर निंदनीय है।
अनिल शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार के कारण ही आज पर्यन्त तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है
व अनिल शुक्ला ने इस बात का खुलासा भी किया कि तब मोदी जी ने ही मुख्यमंत्री रहते मुफ्त राशन का विरोध भी किया था*
शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में इस जुमले के होर्डिंग्स लगवा दिए हैं कि वह “80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन“ दे रहे हैं। वास्तव में, राशन 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदान किया जाता है, जिसे डॉ. मनमोहन सिंह ने पारित किया था और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था। 7 अगस्त 2013 को लिखे एक पत्र में, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी जी ने एनएफएसए का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि ’’केंद्र और राज्य सरकारों को अव्यवहारिक वैधानिक जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं।’’ शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की रीब्रांडिंग के अलावा कुछ और नहीं है, जो पहले से ही 95 करोड़ भारतीयों को कवर करता था। शुक्ला ने आगे कहा कि 2013 में यूपीए द्वारा पारित एनएफएसए, भारत के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण कानून में से एक था। इसके तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी भारतीयों को कानूनी अधिकार के रूप में सब्सिडी वाले राशन की गारंटी मिली थी।
Raigarh News : आज जब आबादी 141 करोड़ है तब, इसके तहत 95 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाला राशन मिलना चाहिए। शुक्ला ने कहा कि 2021 में जनगणना कराने में मोदी सरकार की विफलता के कारण, आज केवल 81 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है। 14 करोड़ भारतीय जो कानूनी तौर पर राशन के हक़दार हैं, मोदी सरकार की इस विफलता के कारण अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं। अतएव बीजेपी वालों को ऐसे होर्डिंग्स लगाकर श्रेय लेने की जगह खुद के विकास किये गए कार्यों के होर्डिंग पोस्टर लगाने चाहिए।