Raigarh News : भाजपा के लिए चंदा दो धंधा लो का पर्याय बना इलेक्टोरल बांड-अनिल शुक्ला

ई डी और भाजपा ने मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की छबि को खराब करने का षड्यंत्र रचा

Raigarh News : रायगढ 20मार्च रायगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस संबोधित कर कहा कि इलेक्टोरल बांड की आढ में जो तथ्य सामने आए है उसमें सीधे तौर पर दिखाई दे रहा है कि सत्ता में बैठी बीजेपी पार्टी देश के धन्ना सेठों के साथ सौदा कर रही है और चंदा लेकर निर्बाध धंधा चलाने का अप्रत्यक्ष लायसेंस दे रही है अनिल शुक्ला ने बताया कि इस बांड के क्रय कर्ताओं के खुलासे और उसके पीछे के जो छिपे मक़सद सामने आ रहे हैं उससे यह कहा जा सकता है कि बॉन्ड का विक्रय दबाव पूर्वक करवाया गया और इसे आजाद भारत की सबसे बड़ी रिश्वेतखोरी कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

अनिल शुक्ला ने प्रेस को विस्तार पूर्वक बताया कि एसबीआई की ओर से कुल 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए। हर बॉन्ड के पीछे एक घोटाला है। कुछ नजीर सिलसिलेवार देखी जा सकती है–

केस नंबर 1

2 अप्रैल 2022 : फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज की 409 करोड़ की संपत्ति ED ने अटैच की।

7 अप्रैल 2022 : कंपनी ने 100 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर चंदा दिया। किसको दिया होगा? रेड फिर क्यों नहीं पड़ी?

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ये सवाल पूछने योग्य है?

केस नंबर 2

अप्रैल 2023 : मेघा इंजीनियरिंग ने करोड़ों का चंदा दिया।

मई 2023 : मेघा इंजीनियरिंग को 14,400 करोड़ का प्रोजेक्ट मिल गया।

इन्हें चंदा मिला, उन्हें धंधा मिला।

केस नंबर 3

18 अगस्त 2022 : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक पूनावाला ने एक ही दिन में 52 करोड़ का चंदा दिया।

22 अगस्त 2022 : मोदी ने उनसे मुलाकात की। फिर क्या तमाशा हुआ, देश जानता है। कोविड वैक्सीन पर सीरम इंस्टीट्यूट को मोनोपोली बख्शी गई।

केस नंबर 4

खनन समूह वेदांता ने 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के इलेक्टोरल बॉन्ड दान किए।

फिर सरकारी कंपनी BPCL वेदांता को सौंप दी गई।

मिला चंदा, शुरू धंधा

केस नंबर 5

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 90 करोड़ के बॉन्ड खरीदे।

यही कंपनी उत्तराखंड में सुरंग बना रही थी। 41 मजदूर 17 दिनों के लिए फंस गए।

मामले की जांच तक नहीं हुई।

केस नंबर 6

गाजियाबाद स्थित यशोदा हॉस्पिटल पर कोविड के दौरान जनता से वसूली के आरोप लगे। यशोदा पर छापा पड़ा।

यशोदा हॉस्पिटल ने 162 करोड़ बॉन्ड खरीदे और दान करके वॉशिंग मशीन में धुल गया।

केस नंबर 7

टोरेंट पॉवर नाम की कंपनी ने 86.5 करोड़ का चंदा दिया।

कंपनी को गुजरात में 47000 करोड़ का सरकारी प्रोजेक्ट मिल गया।

ठेके कौन देता है? फिर चंदा किसको मिला?

चंदा दो, धंधा लो।

केस नंबर 8

IRB Infrastructure नाम की कंपनी ने जुलाई 2023 में करोड़ों का चंदा दिया।

कंपनी को अगले कुछ महीनों में लगभग 6000 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला।

केस नंबर 9

भाजपा सरकार ने मित्तल ग्रुप को गुजरात में सबसे बड़ा धंधा दिया।

मित्तल ग्रुप ने इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को चांप कर चंदा दिया।

केस नंबर 10

पुलवामा हमले के बाद Hub Power Company नाम की पाकिस्तानी कंपनी ने भारत में इलेक्टोरल बॉन्ड क्यों खरीदा और किसे चंदा दिया, इसकी जांच नहीं होगी। जैसे पुलवामा हमले की जांच कभी नहीं हुई।

केस नंबर 11

दिसंबर, 2023 : शिरडी साई इलेक्ट्रिकल लिमिटेड पर छापा पड़ा।

जनवरी 2023 : शिरडी साई ने छप्पर फाड़कर चंदा दिया।

जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हप्ता वसूली किया और कहा ईडी/सीबीआई/आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ्ता (‘दान’) वसूलो कि तर्ज पर अनेक उदाहरण मील चुके हैं।

>शीर्ष 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में भी एक जांच में पाया गया कि ईडी/सीबीआई/आईटी छापे के बाद, कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था।

> फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है जो इसे अब तक के आंकड़ों में सबसे बड़ा दान देने वाला बनाता है।

अनिल शुक्ला ने आगे प्रेस को बताया कि आप क्रोनोलॉजी समझिए 2 अप्रैल 2022 रू ईडी ने फ्यूचर पर छापा मारा, और 5 दिन बाद (7 अप्रैल) को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 रू आईटी विभाग ने फ्यूचर पर छापा मारा, और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया।

अनिल शुक्ला ने यह भी कहा कि इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा। उपर के आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है, जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है।

शुक्ला ने बताया कि इस प्रकार अगर देखा जाए तो इस इलेक्टोरल बॉन्ड की आढ से हुए लेन देन के मामले की फेहरिश्त बहुत लंबी है और पिक्चर अभी बाकी है।और कहा इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला भाजपा कि बदनियति भ्रस्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है भाजपा ने ईडी आईटी सीबीआई को अपना चंदावसूली एजेंट बना दिया था।

इलेक्टोरल बांड घोटाले पर कांग्रेस की मांग-

कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से मांग करती है कि इस कदाचरण के लिए भाजपा कि मान्यता समाप्त कर उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाय।

“, *पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल पर एफ आई आर क्या है ई डी और भाजपा का षड्यंत्र* ”

 

अनिल शुक्ला ने माननीय मुख्यमंत्री भुपेश नघेल पर भाजपा और ई डी की मिलीभगत से किए गए राजनैतिक षड्यंत्र के विषय मे भी प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया-ईडी और भाजपा ने मिलकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने षडयंत्र किया भाजपा ईडी, महादेव एप्प के कर्ताधर्ताओं के बीच क्या संबंध है ? ईडी की जांच और ईओडब्लू के एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है :-

 

लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई ईडी की सारी कार्यवाहियों की टाइमिंग भाजपा के राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है?

 

ईओडब्लू बताये :-

 

1. केन्द्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही ?

 

2. पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किये गये एफआईआर का आधार क्या है ?

 

3. जिस असीम दास से ईडी ने रुपये बरामद किया था उसके पास रुपये कहां से आया? ईडी ने उसकी जांच क्यों नहीं किया।

 

4. असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी ईओडब्लू ने उन दोनो का नाम एफआईआर में क्यों दर्ज नहीं किया।

 

5. शुभम सोनी की विडियो बाईट भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध है। ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया ?

 

6. सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है उन दोनो में पूछताछ क्यों नहीं की गई ?

7. शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार कर के दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है ?

 

8. ईडी ने ईओडब्लू को इस मामले जो पत्र लिखा था उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है ईओडब्लू ने उन अधिकारियो के नाम एफआईआर में क्यों छोड़ा ?

9. असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रूपये जप्त हुये थे उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के है। उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया है ? 10. शुभम सोनी के जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ?

Raigarh News : असीम दास के तथा कथित बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया उस बयान का असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया तथा कहा कि वह बयान ईडी के दबाव में दिया था। उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया। उसी असीम दास के साथ संबंधों के आधार पर भाजपा नेताओं से पूछताछ भी नहीं किया गया अनिल शुक्ला ने कहा यह सारे घटनाक्रम ईडी के षड्यंत्रों को बताने के लिये पर्याप्त हैं।

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