
राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से वाया दुर्ग-नगपुरा करीब 40 किलो मीटर की दूरी तय कर जालबांधा पहुंचते ही कांग्रेस और बीजेपी के झंडे सड़क पर लहराते नजर आए. शनिवार 9 अप्रैल की सुबह करीब 10 बजे दीवारों पर पेंटिंग, लहराते झंडे बैनर देख समझ में आ गया कि हम उस सीमा में प्रवेश कर गए हैं, जहां सियासी घमासान मचा हुआ है. जालबांधा से खैरागढ़ के बीच करीब 22 किलोमीटर के सफर में पवनतारा, रेंगाकठेरा, मदराकोई समेत दर्जनों गांवों में जितनी संख्या में बीजेपी और कांग्रेस के झंडे टंगे मिले, उससे कहीं ज्यादा भगवा व जय श्रीराम के नारे लिखे झंडे व बैनर लहरा रहे थे.
रेंगाकठेरा में पुलिस की टीम ने हमारी गाड़ी को पूछताछ के लिए रोका. वहीं खड़े सुखउ राम बातचीत में कहते हैं जवारा ठंडा करने और राम नवमी की पूजा धूमधाम से होती है, लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग है. इतने भगवा ध्वज जो नजर आ रहे हैं, वो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लोगों ने टांगे हैं. कुछ दूर आगे बढ़ने पर मदराकोई गांव में सड़क के किनारे मंदिर में दुर्गाअष्टमी की पूजा हो रही है. मंदिर के सामने ही छोटी सी दुकान के बाहर बैठे लोग चुनावी चर्चा कर रहे हैं. इस बार मुकाबला तो पंजा और कमल में ही है. 52-53 साल के संतोष ढेमर नेताओं को कोषते हुए कहते हैं- जनता के लिए कोई कुछ नहीं करता, जो जीता वही सिकंदर बन जाता है. चुनाव खत्म होने के बाद हमें कौन पूछता है.
जिला बनाना आसान थोड़ी है
संतोष की बात खत्म होते ही बीसे वर्मा चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं- पंजा वालों ने खैरागढ़ को जिला बनाने का वादा किया है. जिला बनाना आसान थोड़ी है. आधार कार्ड में पता बदलना पड़ेगा, एसपी, कलेक्टर सब नए लोगों को रखना पड़ेगा. बहुत दिक्कत है. बीसे को बीच में टोकते हुए रोशन कहते हैं- सत्ता वाले कर सकते हैं. चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों के झंडों के बीच में भगवा ध्वज लगाने के सवाल पर समूह के सभी लाेग कहते हैं- नवरात्र चल रहा है. गांव वाले पूजा-पाठ तो करते हैं. लेकिन झंडा तो पार्टी वालों ने लगाया है.
अलग-अलग गांवों में लोगों से चर्चा के बीच दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हम इतवारी बाजार खैरागढ़ पहुंच चुके थे. यहां देश के चर्चित कवि कुमार विश्वास के कार्यक्रम ‘हमर भांचा राम’ का 10 अप्रैल को रामनवमी पर होने वाले आयोजन की बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगी हैं. कार्यक्रम के आयोजक श्रीराम जन्मोत्वस समिति को बताया गया है, लेकिन होर्डिंग पर कुमार विश्वास के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी तस्वीर नजर आई.
इंदिरा गांधी कला एंव संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के कैंपस में कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई के राजनांदगांव जिला अध्यक्ष अमर झा व उनके साथी कुमार विश्वास के कार्यक्रम में लोगों को आने की अपील करते हुए पम्फलेट बांटते दिख गए. गार्ड ने जब उन्हें अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा- हम किसी प्रत्याशी का प्रचार नहीं कर रहे बल्कि राम नवमी पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को आने की अपील कर रहे हैं.
खैरागढ़ में इतना फोकस क्यों?
खैरागढ़ रियासत के राजा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद से खाली खैरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. साल 2023 में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल माना जा रहा है. यही कारण है कि सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्ष दल भारतीय जनता पार्टी दोनों ही इस उपचुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं. खैरागढ़ में दोनों दलों के लिए जीत कितनी अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 अप्रैल से 10 अप्रैल को चुनाव प्रचार थमने से पहले तक खैरागढ़ में चुनाव प्रचार में सक्रिय रहे. कई सभाएं व रोड शो किए. इतना ही नहीं वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे, टीएस सिंहदेव, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, युवा विधायक देवेन्द्र यादव समेत कई दिग्गज चुनाव प्रबंधन और प्रचार में जुटे हैं.
भारतीय जनता पार्टी पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, प्रेम प्रकाश पांडेय, आईएएस छोड़ बीजेपी नेता बने ओपी चौधरी समेत राज्य के 40 आला नेताओं को प्रचार का जिम्मा सौंपा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते भी चुनाव प्रचार के लिए खैरागढ़ पहुंचे. चुनावी घोषणा पत्र जारी होने से पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान कर दिया कि यदि कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिलती है तो 24 घंटे के भीतर खैरागढ़ को जिला बनाने की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी. सीएम के इस ऐलान के बाद बीजेपी ने वोटर्स को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया.
कुल मतदाता और जातिगत समीकरण
2 लाख 11 हजार 540 कुल मतदाताओं वाले खैरागढ़ विधानसभा में लोधी समाज के ही करीब 45 हजार 593 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. माना जाता रहा है कि ये मतदाता, जिसका साथ देंगे, उसकी जीत पक्की होगी. यही कारण है कि कांग्रेस ने इसी वर्ग की नेता यशोदा वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. भारतीय जनता पार्टी ने भी इस जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखते हुए पिछले चुनाव में हार के बावजूद कोमल जंघेल को खैरागढ़ सीट से लगातार पांचवीं बार अपना प्रत्याशी बनाया है. लोधी जाति के अलावा विधानसभा क्षेत्र में गोंड जाति के 29 हजार 342 और साहू समाज के 24 हजार 245 मतदाता भी चुनाव परिणाम प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. प्रचार के दौरान दोनों ही प्रमुख दलों का फोकस लोधी के साथ इन वर्ग के मतदाताओं पर भी रहा.