सुभाष गोयल राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य नियुक्त
निरज साहू…सुरजपुर…
सुरजपुर-राज्य सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के द्वारा राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन कर जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व समाजसेवी सुभाष गोयल को परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है। सरकार के विशेष सचिव मनोज कुमार सोनी के द्वारा जारी आदेश में राज्य सरकार के द्वारा नामांकित उपभोक्ता संगठनों सहित सक्रिय उपभोक्ता कार्यकर्ता में कृषि, व्यापार व उद्योग से संबंधित प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई है। जिसमें सुभाष गोयल बिश्रामपुर को उद्योग प्रतिनिधि के रूप में नामांकित किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा अनुमोदित सदस्यों की सूची में सात सदस्य शामिल किये गये हैं। जो राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के कार्य संचालन सहित परिषद की बैठकों के साथ राज्य व जिला उपभोक्ता संरक्षण के प्रावधान के तहत कार्य करेंगे। उल्लेखनीय है कि उक्त परिषद के अध्यक्ष खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्री अमरजीत भगत हैं व सदस्य सचिव विभाग के सचिव हैं। विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बनी इस समिति में सात सदस्यों को नामांकित किया जाता है। उसके साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग एवं वाणिज्य, कृषि, समाज कल्याण, राज्य विद्युत वितरण कम्पनी, भारतीय बीमा विनियमक प्राधिकरण, लीड बैंग, व्यापारिक संगठन, दूर संचार विभाग, उपभोक्ता विवाद आयोग के शासकीय प्रतिनिधि उक्त परिषद के सदस्य होते हैं। श्री गोयल की नियुक्ति से क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं में हर्ष व्याप्त है। उनके नामांकित होने की सूचना मिलते ही उन्हें बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया। परिषद के नवनियुक्त सदस्य के रूप में सुभाष गोयल की ताजपोशी से कांग्रेस सहित खाद्य मंत्री भगत के खेमे में भी उत्साह का वातावरण है।
मिली जिम्मेदारी का ईमानदारी से करेंगे निर्वहन…
राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद में उद्योग प्रतिनिधि के रूप में राज्य स्तरीय परिषद में शामिल हुए सुभाष (सुरेश) गोयल ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, वे उसका पूर्णत: ईमानदारी के साथ निर्वहन करेंगे। परिषद के कार्यों के साथ परिषद का लाभ सरगुजा अंचल के लोगों को मिले इसके लिए वे प्रयासरत रहेंगे। खाद्य मंत्री श्री भगत के निर्देशों में सरगुजा संभाग के साथ पूरे प्रदेश में नवगठित राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के कार्य आने वाले समय में दिखेंगे।
दस करोड़ तक के मामलों को निपटाने का है परिषद को अधिकार…
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद में एक करोड़ रूपए तक के मामले जिला स्तर पर व एक करोड़ से दस करोड़ तक के मामले राज्य स्तरीय समिति के समक्ष आते हैं।उससे ऊपर के मामले राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद सुनती है। उपभोक्ता संरक्षण जुड़े मामले में यह परिषद काफी महत्वपूर्ण व प्रभावशाली होती है। उपबीजोक्ताओं के मामलों में राज्य स्तरीय परिषद के फैसले भी महत्वपूर्ण होते हैं और कमेटी को इस दौरान संवैधानिक रूप से काफी शक्तियां भी निहित होती है