विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर विधिक सहायता शिविर का हुआ आयोजन

जशपुर 12 अप्रैल 2021/ विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के सचिव श्री अमित जिन्दल ने कोरोना वायरस के कारण संचार, प्रेस के माध्यम से विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया। श्री जिन्दल ने बताया कि प्रथम विश्व स्वास्थ्य दिवस विगत दिवस 07 अप्रैल 1950 को मनाया गया था। तब से प्रत्येक वर्ष 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद में भी यह नीति निर्देशक तत्व है कि राज्य अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को उंचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों और स्वास्थ्य के  लिए हानिकर औषधियों के औषधीय प्रयोजन से भिन्न, उपभोग का प्रतिशेष करने का प्रयास करेगा।
श्री जिन्दल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने परमानन्द कटारा बनाम भारत संघ    ए आईआर 1989 एससी 2039 के अपने ऐतिहासिक फैसले मे यह अभिनिर्धारित किया है कि अनुच्छेद  के अधीन दोनों सरकारी और निजी डाॅक्टरों का कर्तव्य है कि घायल व्यक्ति को शीघ्रातिशीघ्र चिकित्सा सहायता प्रदान करें और उसके पश्चात् दण्ड विधि के अधीन कानूनी प्रक्रिया का पालन करें। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1996, 4 एससीसी 37 के मामले में उच्चतम न्यायालय के यह अभिनिर्धारित किया कि दुर्घटना में घायल पिटीशनर को अस्पताल में स्थान उपलब्ध न होने के कारण चिकित्सा सहायता प्रदान न करना उसके अनुच्छेद में प्रदत्त मूल अधिकार का उल्लंघन है।
दण्ड प्रक्रिया संहित के धारा में भी यह प्रावधान है कि सभी लोक या प्राईवेट अस्पताल, चाहे वे केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानिय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे हों, भारतीय दंड संहिता की धारा के अधीन आने वाले किसी अपराध के पीड़ितों को तुरन्त निःशुल्क प्राथमिक या चिकित्सीय उपचार उपलब्ध कराएंगे और ऐसी घटना को तुरन्त पुलिस को सूचना देंगे।
इस प्रावधान को सशक्त बनाने के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा में यह प्रावधान है कि जो कोई ऐसे लोक या प्राइवेट अस्पताल का, चाहे वह केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा होग, भारसाधक हेतु हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, वह कारावास से , जिसकी अवधि एक वर्ष की हो सकेंगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

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