
महाकुंभ 2025: आस्था की अमृतधारा, मकर संक्रांति पर पहला शुभ स्नान, संगम में गूंजे जयघोष
प्रयागराज: मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान आज त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। इस शुभ अवसर पर महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने पवित्र स्नान कर धर्म और आस्था का अनुपम संगम प्रस्तुत किया। सबसे पहले नागा संन्यासियों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई, जिसके बाद अन्य भक्तों को स्नान का अवसर दिया गया।
144 वर्षों के बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। मकर संक्रांति पर सभी 13 अखाड़ों के संत-महात्मा अपने नागा संन्यासियों के साथ संगम तट पर स्नान कर रहे हैं।
महामंडलेश्वरों का भव्य स्नान
- जूना अखाड़ा: 200 महामंडलेश्वर ट्रैक्टरों पर सवार होकर संगम पहुंचे।
- आवाहन और अग्नि अखाड़ा: 100 महामंडलेश्वर स्नान कर रहे हैं।
- महानिर्वाणी अखाड़ा: 60 महामंडलेश्वर अमृत स्नान में शामिल।
- अटल अखाड़ा: 30 महामंडलेश्वर पवित्र स्नान कर रहे हैं।
- निरंजनी अखाड़ा: 60 महामंडलेश्वर ने संगम में डुबकी लगाई।
- आनंद अखाड़ा: 30 महामंडलेश्वर का अमृत स्नान।
- तीन दिगंबर अखाड़े: 200 से अधिक महामंडलेश्वर स्नान कर रहे हैं।
- बड़ा उदासीन अखाड़ा: 100 महामंडलेश्वर संगम पहुंचे।
- नया उदासीन अखाड़ा: 40 महामंडलेश्वर स्नान कर रहे हैं।
- निर्मल अखाड़ा: 35 महामंडलेश्वर ने डुबकी लगाई।
आस्था और विश्वास का महापर्व
महाकुंभ में पवित्र स्नान करने से पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है। हिंदू धर्म का यह सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन हर 12 वर्षों में एक बार होता है, और इस बार महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है।
संगम पर उमड़ा जनसैलाब
प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आज लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुरक्षा और प्रशासन की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से स्नान कर सकें।
महाकुंभ 2025 का यह पहला अमृत स्नान आस्था, अध्यात्म और सनातन परंपरा की एक भव्य झलक प्रस्तुत कर रहा है।