एक जैसे दो मामलों में एक को बर्खास्त और एक पर आशीर्वाद, समझ से परे है छत्तीसगढ़ के जेल प्रशासन का रवैया,,, सतीश भार्गव उपजेल अधीक्षक की अक्षम्य गलती पर भी जेल प्रशासन मौन,

सक्ती। आखिरकार कौन बचा रहा है उपजेल अधीक्षक सतीश भार्गव को, ये सवाल अब नगर सहित जिले में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
लोगों का कहना है कि एक ही गलती में एक को बर्खास्त किया गया तो उसी गलती के लिए दूसरे को आशीर्वाद आखिर क्यों जेल प्रशासन दे रहा है। 27 मई 22 को उपजेल अधीक्षक सतीश भार्गव ने जेल नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नया नियम बनाया और जघन्य अपराध में न्यायिक अभिरक्षा में बंद बंदियों को अपर्याप्त सुरक्षा के लकड़ी लेने जेल से 5 किमी दूर वन विभाग के जलाऊ लकड़ी डिपो भेज दिया था, मामले की जानकारी पत्रकारों को लगते ही मौके पर पहुंच पत्रकारों ने उक्त घटना का वीडियो बनाया और मामले की जानकारी अखबार में छापी जिसके बाद जिला प्रशासन और जेल प्रशासन हरकत में आया, जांच हुई और रिपोर्ट भी बनी, वहीं सूत्र बताते हैं कि जांच रिपोर्ट में उपजेल अधीक्षक सतीश भार्गव को प्राथमिकता के आधार पर दोषी भी बताया गया, साथ ही जांच रिपोर्ट तैयार करने में जेल नियमों का बारीकी से अवलोकन करते हुए जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम सक्ती की अध्यक्षता में जांच कराई गई, वहीं जेल प्रशासन द्वारा भी केंद्रीय जेल अधीक्षक बिलासपुर श्री तिग्गा के अध्यक्षता में भी जांच कराई गई, उक्त रिपोर्ट के संबंध में भी जानकारों की मानें तो उपजेल अधीक्षक सतीश भार्गव को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है। जांच तो पूरी हो गई, रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों तक पहुंच गई लेकिन घटना के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी उप जेल अधीक्षक सतीश भार्गव सहित अन्य तीन जेल कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से सभी के हैसले बुलंद हो रहें हैं। ज्ञात हो कि 14 साल पहले ऐसा ही एक मामला प्रदेश के दंतेवाड़ा उपजेल में भी आया था जहां तत्कालीन जेलर श्री मानकर द्वारा बंदियों को जंगल भेज लकड़ी कटवाने का मामला उजागर हुआ था जिस पर उक्त जेलर पर विभागीय जांच चली और दोषी करार देते हुए श्री मानकर को बर्खास्त किया गया था, कमोबेश सक्ती उपजेल का मामला भी वैसा ही है जहां उपजेल अधीक्षक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जघन्य अपराधों में बंद बंदियों को पर्याप्त सुरक्षा के बगैर या कहें कि जेल नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए बाहर भेजा गया, मगर अब तक कार्रवाई के नाम पर जेल प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से सिर्फ शून्य ही दिखाई पड़ रहा है। अधिकारी भी उक्त मामले में बोलने से सीधे तौर पर बचते नजर आ रहें हैं।

श्री तिग्गा, केंद्रीय जेल अधीक्षक बिलासपुर

मामले में जांच पूरी हो गई है और जांच रिपोर्ट जेल डीजी तक भेज दी गई है, जो भी कार्रवाई होनी है वो उच्च स्तर पर होनी है, हमने जांच की और रिपोर्ट को भेज दिया है। उक्त मामले में सभी पहलुओं पर जांच की गई है, जो भी कार्रवाई होनी है वो शासन स्तर पर ही होनी हैं, हमारे हांथ में कुछ भी नहीं है।

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