
एलॅन्स पब्लिक स्कूल में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया
दिनेश दुबे 9425523689
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*एलॅन्स पब्लिक स्कूल में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया*
बेमेतरा – एलॅन्स पब्लिक स्कूल में 77वाँ स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। okइस अवसर पर मंचासीन अतिथि का बैच लगाकर स्वागत किया गया। ज़ुल्म नश्वर शरीर पर अत्याचार कर सकता है लेकिन आत्मा स्वतंत्र रूप से बहती रहती है और उसे बंधन में नहीं डाला जा सकता। स्वतंत्रता दिवस का जश्न आज़ादी की उस तलाश की याद है जो 1947 में तब ख़त्म हुई जब भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली।
स्कूल प्रबंधन श्री कमलजीत अरोरा और प्राचार्य महोदय ने हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को शहीदवेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लता मंगेशकर क्लब के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रगान गाकर प्रांगण को राष्ट्रमय कर दिया। विद्यार्थियों ने मार्च पास्ट का प्रदर्शन कर मुख्य अतिथि एवं प्राचार्य को सलामी दी।
लता मंगेशकर क्लब से छात्रों ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत देश भक्ति गीत गाकर दर्शकों के अंदर ओज भर दिया। नटराज क्लब के विद्यार्थियों द्वारा देशप्रेम के संदर्भ मे मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के दौरान नर्सरी से कक्षा दूसरी तक के विद्यार्थियों द्वारा महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, महारानी लक्ष्मी बाई, सरोजनी नायडू, भगत सिंह, डॉ. भीम राव अम्बेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर नारायण सिंह, गोपाल कृष्ण गोखले, इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी और अन्य वीर स्वतंत्रता सेनानियों के वेश धारण करते हुए अभिनय कर दर्शकों का मन मोह लिया । राष्ट्र की सुरक्षा के लिए देशभक्ति की भावनाओं को दर्शाने के लिए छात्रों द्वारा लघु नाटिका का प्रदर्शन किया गया।
कक्षा-3 से समरेश मोहंती तथा कक्षा-11 से साक्षी सिंह ने आंग्ल भाषा, कक्षा-8 से नेहा पैकरा ने संस्कृत भाषा मे और कक्षा-10 से रिया टंडन ने हिन्दी भाषा मे राष्ट्र के प्रति प्रेम के बारे में अपने अपने विचार प्रकट किए ।
* कमलजीत अरोरा ने कहा कि यह आजादी हमे उपहार में नहीं मिली बल्कि असंख्य बलिदानों के कुर्बानी से प्राप्त हुई है। विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना विकसित करने में एक विद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता की रक्षा करना युवाओं की जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों को देशभक्ति और एकता के गुण विकसित करने के लिए प्रेरित किया। विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों के बीच एकता लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यू.एस.एस.आर. और अन्य शक्तिशाली राष्ट्र अफगानिस्तान पर शासन नहीं कर सके, लेकिन यह मध्य युग से लेकर 1750 तक भारत के शासन में रहा, जो अफगानिस्तान के पूर्वी क्षेत्र जैसे काबुलिस्तान और ज़ाबुलिस्तान (अब काबुल, कंधार और गजनी) थे।
*प्राचार्य डॉ. सत्यजीत होता ने कहा कि अपनी आजादी को कायम रखने के लिए सेवा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्रों को अपने गांवों, राज्यों और राष्ट्र से प्यार करने और भारत के विकास के लिए काम करने की सलाह दी। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ निःस्वार्थ कार्यों द्वारा स्वतंत्रता की रक्षा कर राष्ट्रीय विकास करने की शपथ ली। उन्होंने यह भी कहा कि हमें भारतीय संविधान का पालन करते हुए लोकतंत्र को आगे बढ़ाना है और आजादी के शहीदों का सम्मान करना है। हमें ईमानदारी से काम करना है और ईमानदारी से सफल होना है।’ अपनी मृत्यु से पहले मैं अपने भारत को एक विकसित देश के रूप में देखना चाहता हूं, इस महान उद्देश्य के लिए हम छात्रों और शिक्षकों को तिरंगे झंडे के नीचे यह संकल्प लेना होगा कि हमें भारत की स्थिति को ऊंचा उठाने के लिए शांति और सद्भाव के साथ आत्मनिर्भर और समृद्ध बनना है। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज से कुरीतियों को दूर करने की सलाह दी। हमें अच्छे और चिंतनशील नेता बनने की जरूरत है जिन पर हम भरोसा कर सकें – ऐसे नेता जो हमेशा जनता की भलाई को सबसे ऊपर रखते हैं और देशभक्ति के मंत्र ‘राष्ट्र पहले, हमेशा पहले’ का पालन करते हैं और युवाओं से खुद से पूछने के लिए कहते हैं कि हम भारत माता के लिए क्या कर सकते हैं ? जिससे भारत स्वामी जी, बापू जी, नेता जी, चाचा जी, प्रियदर्शनी जी एवं कलाम जी के सपनों के अनुरूप विश्व गुरु एवं विश्व बन्धु बनेगा।
कार्यक्रम का संचालन श्री जेवियर जोसेफ के मार्गदर्शन में नवप्रीत कौर उबेजा और साक्षी सिंह छात्रों ने किया तथा श्री अरुण कुमार पाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित पुष्कल अरोरा-निदेशक, सुनील शर्मा-निदेशक, सतीश नामदेव, भूपत महाराज, शिक्षकगण, अभिभावक एवं सभी विद्यार्थियों ने तिरंगे को सलामी देते हुए भारतीय होने पर गर्व महसूस किया।
