
प्रकाश नायक बताए बजट में रायगढ़ को क्या मिला: विवेक रंजन सिन्हा
विकास के पहिए के ब्रेक बने प्रकाश नायक
रायगढ़ । भूपेश सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। चार साल से विकास की बांट जोह रही रायगढ़ की जनता की उम्मीदें भी इस बजट के साथ टूट गई। रिंग रोड से लेकर, जर्जर पच्चीस सड़को का कायाकल्प, ट्रांसपोर्ट नगर के विकास, संगीत महाविद्यालय, सरकारी बीएड कालेज सहित तमाम चुनावी वायदे करने वाले प्रकाश नायक का घोषणा पत्र अंततः रद्दी कागज ही सिद्ध हुआ।
उक्त आशय का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विवेक रंजन सिन्हा ने कहा है कि प्रक्रियागत छोटे मोटे सरकारी कार्यों के शिलान्यास-भूमिपूजन को ही अपनी उपलब्धि मानने वाले विधायक प्रकाश नायक वास्तविक अर्थों में रायगढ़ के विकास के पहियों के ब्रेक सिद्ध हुए हैं। पूरी विधान सभा में उनके पास बड़ी उपलब्धि गिनाने को कुछ नही है। जनता के बीच इस बजट से जो थोड़ी मोड़ी संभावनाएं थी वो भी धरासाई हो गई है।
प्रकाश नायक ने अपने घोषणा पत्र में खेल मैदान से व्यवसायिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, पर चुनाव के बाद आलम यह कि खुद ऐसे आयोजनों के उद्घाटन का फीता काटने पहुंच गए। वर्तमान में नटवर स्कूल के मैदान में चल रहा ऐसा ही व्यवसायिक मेला प्रकाश नायक के घोषणा पत्र को मुँह चिढ़ाना नही तो और क्या है ? प्रकाश नायक बताएं कि उनके घोषणा पत्र के 15 वे बिंदु पर उन्होंने कहा था कि रामलीला मैदान सहित सभी खेल मैदानों में व्यवसायिक कार्यक्रमों व आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा तो फिर नटवर स्कूल में ऐसा ही आयोजन कैसे चल रहा है ?
केलो परियोजन को लेकर अपने घोषणा पत्र में तमाम वायदे करने वाले प्रकाश नायक बताए कि केलो मैया प्रदूषण की मार से जार जार क्यों रो रही है ? इस बजट में केलों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कोई घोषणा क्यों नहीं हुई ?
प्रकाश नायक को बताना चाहिए अब जब उनका कार्यकाल पूरा होने को है तब संजय कांप्लेक्स को लेकर उनके घोषणापत्र का बिंदु क्रमांक 10 अब तक मूर्त रूप क्यों नहीं ले सका, जिसमें उन्होंने कहा था कि संजय कांप्लेक्स सब्जी बाजार में फुटकर विक्रेताओं के लिए पक्का पचरा सेट का निर्माण कराया जाएगा। केवल घोषणाओं और वायदों के बीच अधर में लटक रही संजय कांपलेक्स की अव्यवस्था को आखिर रायगढ़ की जनता कब तक भुगतेगी ?
भूपेश बघेल के बजट से यह तो स्पष्ट है कि 82 हजार करोड़ रुपए के कर्ज तले दबी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, जहां 6000 करोड रुपए से ज्यादा केवल ब्याज देने में ही निकल रहे हैं वहां वास्तविक विकास की बात सोचना बेमानी है। लिहाजा भूपेश का बजट चुनावी घोषणा पत्र जैसा ही है। लेकिन उस फर्जी बजट में भी रायगढ़ के विकास की बात का शामिल ना होना विधायक प्रकाश नायक की निष्क्रियता और अकर्मण्यता का परिचायक है।
विवेक ने कहा कि प्रकाश नायक अपने चुनावी घोषणा पत्र के सभी 23 बिंदुओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करें कि किस घोषणा की क्या स्थिति है और उनके वायदे कागजी क्यों साबित हुए। उन्हे बताना चाहिए कि रायगढ़ का एक मात्र इंजीनियरिंग कालेज मरणासन्न क्यों है ? क्यों वहां के शिक्षकों के वेतन की तक व्यवस्था नहीं हो पा रही है ? वह भी तब जब उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का यह गृह जिला है । भाजपा शासन काल में जिस कालेज में एडमिशन के लिए मारामारी की स्थिति होती थी उस कालेज में आज छात्र एडमिशन क्यों नही लेना चाहते इसका प्रकाश नायक के पास क्या ज़बाब है ? इस कालेज के वित्तीय प्रबंधन की घोषणा इस बजट में क्यों नही हुई ?
विवेक रंजन सिन्हा ने कहा कि प्रकाश नायक रायगढ़ विधान सभा के इतिहास में सबसे निष्क्रिय विधायक साबित हुए हैं। अनियमित कर्मचारियों के साथ फोटो खींचा कर वाहवाही लूटने वाले विधायक ने उनकी तक नहीं सोची जो 12 मार्च से हड़ताल पर जाने वाले हैं। मजदूर महासंघ ने भी आपके इस बजट को तुष्टिकरण वाला ही बताया। इसके अलावा पेंशन स्कीम,महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी, गरीबों के लिए आवास सब भुला दिया। केंद्र सरकार की पीमए आवास योजना तक को बंद कर दिया गया। जबकि अपने घोषणा पत्र में शहरी आवासहीनो को पांच हजार प्रधानमंत्री आवास देने का वायदा प्रकाश नायक ने किया था। उन्हें बताना चाहिए कि उनके इस वायदे का क्या हुआ ?