जिंदल फाउण्डेशन जेपीएल तमनार द्वारा ’विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस 2025’ का आयोजन  

54 वरिष्ठ नागरिकों का किया गया सम्मान  

तमनार। जिंदल फाउण्उेशन जेपीएल तमनार द्वारा विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस 21 अगस्त 2025 का आयोजन गारे पालमा माइंस परिक्षेत्र के आमगांव में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जेपीएल तमनार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान हेतु एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के वरिष्ठजनों को समाज की अमूल्य धरोहर बताते हुए उनके अनुभव, ज्ञान और जीवन मूल्यों को अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया गया।
समारोह श्री सुरेन्द्र सिदार, अध्यक्ष, लघु वनोपज समिति धौंराभांठा के मुख्य आतिथ्य एवं श्री राजेश रावत, सहायक महाप्रबंधक जेपीएल तमनार, श्रीमती बबीता सिदार, सरपंच, ग्राम पंचायत आमगांव, श्री प्रभात यादव, उपसरपंच, ग्राम पंचायत आमगांव, श्री चक्रधर सिदार, श्रीमती बबीता सिदार प्रबुद्ध नागरिक एवं स्व सहायता समूह के सदस्यों की गरीमामय उपस्थिति में 54 वरिष्ठ नागरिकों का पुष्पगुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री श्री राजेश रावत ने कहा कि वृद्धजन हमेशा परिवार के मुखिया होते हैै। वे हमारे समाज व हमारी संस्कृति व परम्पराओं के जनक होते है। इनके माध्यम से ही हमारी संस्कृति और संस्कार का हस्तांतरण होता है। उन्होने वृद्धजनों का सम्मान को अपना व संस्थान का सौभाग्य बताया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सरपंच श्रीमती बबीता सिदार ने कार्यक्रम का आयोजन को महत्वपूर्ण एवं जिंदल फाउण्उेशन जेपीएल तमनार का सराहनीय पहल बताया। वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री सुरेन्द्र सिदार ने कहा कि वरिष्ठजन हमारे परिवार और समाज की रीढ़ हैं, जिनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से नई पीढ़ी को सही दिशा मिलती है। कार्यक्रम में उपस्थित होना मेरे लिये गर्व और  बुजुर्गाे का आर्शीवाद हमारे लिये वरदान है ।
ज्ञात्व्य हो कि विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस का आयोजन बुजुर्गों के समाज और परिवारों में योगदान का सम्मान करने, उनकी ज़रूरतों और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें एक समावेशी भविष्य के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया किया जाता है। यदि इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाले तो इस दिन की शुरुआत 1988 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने की थी और संयुक्त राष्ट्र ने 1990 में इसे वैश्विक दिवस घोषित किया. इस दिवस पर बुजुर्गों की बुद्धिमत्ता, अनुभव और सांस्कृतिक धरोहर को महत्व देने, उन्हें जीवन के निर्णय लेने में शामिल करने पर जोर दिया जाता हैं।  
इस अवसर पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाया।

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