
रायगढ़ — ट्रेलर मालिक नरेन्दर पासवान द्वारा 14/3/2023 को जिंदल पार्किंग पर अपने ट्रेलर वाहन खड़ी कर गाड़ी में ही सो गया उसके दूसरे दिनांक 15/3/2023 के रात करीब 10.30 बजे जिंदल पार्किंग में ही ट्रेलर गाड़ी को खड़े कर अपने किराये के मकान गोरखा चला आया उसके सुबह 7 बजे दिनांक 16/3/2023 को जिंदल पार्किंग मे खड़ी किये ट्रेलर वाहन स्थल जाकर देखा तो उसके ट्रेलर वाहन जिसका वाहन क्रमांक Jh09Az,0681 खड़ी नहीं मिली जिसकी आसपास पता साजी करने के बाद भी कहीं पता नहीं चला उसके बाद थाना कोतरा रोड़ पुलिस निरीक्षक को अज्ञात ट्रेलर चोर के खिलाफ कार्यवाही करने व ट्रेलर वाहन को दिलाने के लिए दिनांक 16/3/2023 को आवेदन किया गया तब से आज दिनांक तक नहीं आवेदन का पावती दिया गया न ही अज्ञात ट्रेलर वाहन चोर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया जो कि थाना कोतरा रोड़ पुलिस की मनमानी रवैया व मामला दर्ज नहीं करने की शिकायत रायगढ़ पुलिस अधीक्षक को दिनांक 23/3/2023 को भी लिखित आवेदन दिया गया उसके बाद भी थाना कोतरा रोड़ पुलिस ट्रेलर मालिक की एक नही सुन रही है वहीं ट्रेलर मालिक दिनांक 16/3/2023 से थाना और पुलिस अधीक्षक दफ्तर की चक्कर लगाते लगाते थक चूका पुलिस अधीक्षक के पास जाने से उसे थाना कोतरा रोड़ भेज दिया जाता है थाना जाने से ट्रेलर चोर की पतासाजी किया जा रहा बोल कर ट्रेलर मालिक को वापस भेज दिया जाता रहा है। वहीं ट्रेलर मालिक नगेन्दर का यह भी कहना है थाना कोतरा रोड़ पुलिस उसके आवेदन का पावती दे रहा है न चोरी में गई ट्रेलर वाहन में उसका एटीएम कार्ड भी छूट गया था जिसे ट्रेलर चोर द्वारा रायपुर टाटीबंध स्थित एटीएम में पैसे निकालने की कोशिश की गई है एटीएम मशीन में कार्ड डाला गया तो उसके पास मेसेज आया था जिसकी सुचना थाना कोतरा रोड़ पुलिस को दी गई और निवेदन किया गया उक्त एटीएम की शीशी कैमरा की जांच कराई जाए जिसमें थाना कोतरा रोड़ पुलिस द्वारा यह कह कर बात को टाल दिया की एटीएम से पैसे निकलते तो उक्त ट्रेलर चोर व एटीएम धारी के तस्वीर कैमरे में कैद होता एटीएम से बिना पैसे निकले एटीएम उपयोग कर्ता की तस्वीर उसके शीशी कैमरा में कैद नहीं होता बोल कर ट्रेलर मालिक नरेन्दर पासवान को थाना कोतरा रोड़ पुलिस चक्कर लगवा रहा है, जो की
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक शिकायत होने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना पुलिस का दायित्व है।
यदि पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखे तो पीड़ित व्यक्ति पुलिस अधीक्षक या किसी अन्य सक्षम अधिकारी से संपर्क करके अपनी शिकायत दे सकता है. इसके बाद भी यदि उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती है तो वह सीआरपीसी की धारा 200 के तहत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकता है, जहां से आदेश लेकर रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है. सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत भी आवेदन देकर मजिस्ट्रेट से एफआईआर कराने के आदेश ले सकता है.

