ग्रामीणों की मांग रेत निकालने के पहले पूरे दस्तावेज दिखाएं मांगो को अनसुना कर ठेकेदार ने शुरू किया परिवहन, नाराजगी

पखांजुर से बिप्लब कुण्डू-3.4.22

.ग्रामीणों की मांग रेत निकालने के पहले पूरे दस्तावेज दिखाएं मांगो को अनसुना कर ठेकेदार ने शुरू किया परिवहन, नाराजगी

,पखांजुर।
ब्लॉक में स्थित में चवेला रेत खदान से रेत निकालने  का कार्य एक बार फिर शुरू हो गया है। कुछ दिनों पूर्व ठेकेदार के गुर्गे ग्रामीणों और पत्रकारों से उलझ गए थे जिसके बाद खनन का काम बंद था।

ग्रामीणों की मांग है कि खदान से सम्बंधित समस्त दस्तावेज दिखाने के बाद ही खनन कार्य शुरू किया जाए, लेकिन ठेकेदार ने इस मांग को अनसुना करते हुए खनन कार्य शुरू कर दिया है। 10 घन मीटर के रॉयल्टी पर्ची में 20 घन मीटर से भी अधिक रेत निकाली जा रही है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि लीज की जगह से हट कर दूसरे जगह से रेत निकाली जा रही है, इसलिए पहले प्रशासन लीज की जगह को चिन्हांकित करे और सभी दस्तावेजों की जांच करे उसके बाद ही खनन की अनुमति दे।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध रेत खनन करने वाले रेत माफिया पर कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए थे, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आई और जिले भर में कई नदी और रेत खदानों पर छापेमारी कर कार्यवाही की गई। लेकिन कार्यवाही ठंडी होने के बाद अब फिर से रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। तय सीमा से अधिक रेत खनन कर अन्य जिलों में ऊंची दामों पर बेच रहे हैं।अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन करने वालों पर स्थानीय और जिला प्रशासन भी मेहरबान है, न ही ओवर लोड वाहनों पर कार्यवाही हो रही है और न ही लीज एरिया की जांच की जा रही है। पर्यावरण स्वीकृति हेतु भी जिन नियमो का पालन होना था वह हो रहा है या नहीं इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है।

ग्राम पंचायत चवेला के रेत खदान में प्रतिभा कटरे को खसरा नम्बर 521/11 में 5 हेक्टेयर को 28 नवम्बर  2019 से 27 नवम्बर 2021 तक लीज पर दिया गया था। लेकिन ग्राम पंचायत के बिना जानकारी के 1 वर्ष और बढ़ाया गया है। सूचना बोर्ड में  अंतिम तिथि 27 नवम्बर  2021 था जिसे 27 नवम्बर 2022 किया गया है। जिम्मेदार विभाग की चुप्पी से रेत माफियाओ के हौसले बुलंद हैं। शिकायत किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। खनिज विभाग के  कानो में जु तक नहीं रेंग रही है। इस अवैध कारोबार से राजस्व विभाग को तो चूना लग ही रहा है साथ ही क्षेत्र की नदियों से रेत भी गायब होती जा रही है। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बावजूद वे चुप्पी साधे हुए हैं।

पर्यावरण स्वीकृति की शर्तो का नहीं हो रहा पालन

उत्खनन करने के लिए प्रतिभा कटरे को तीन वर्षों  के लिए 5 हेक्टेयर में 75000 घनमीटर की लीज दी गयी थी। प्रति हेक्टेयर में 200 पेड़ के हिसाब से 5 हेक्टेयर 1000 स्थानीय प्रजाती के पौधे  रोपण प्रतिवर्ष किया जाना था। रोपण पौधे के सुरक्षित रखने के लिए कांटेदार तार से घेराव करना था। नदी तट में वृक्षारोपण नही होने की दशा में संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा चिन्हित क्षेत्र में उपरोक्तानुसार वृक्षारोपण किया जाना था। इसी प्रकार और भी कई शर्ते हैं जिनका पालन नहीं किया जा रहा है।

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