
रायगढ़। रायगढ़ रेंज के रिजर्व फारेस्ट कक्ष क्रमांक 1010 पंडरीपानी में इन दिनों वन अधिनियम की जम कर धज्जियां उड़ाई जा रही है जहां सीमा लाइन से छेड़छाड के मामले मे अब तक कोई ठोस कार्रवाही नही की गई है। खास बात यह है कि पहले इस भी रिजर्व फारेस्ट में सीमा लाइन व सीपीटी को पाट कर सैकड़ो घन मीटर मिट्टी का उत्खनन किया गया। जिसमें भी बीटगार्ड पर कोई कार्रवाही का नही होना कुछ और ही इशारा कर रही है। इसमें जांच किया जाये तो कई लोगो के चेहरे से नकाब उठ जायेगा।
गौरतलब है कि रिजर्व फारेस्ट 1010 में बीटगार्ड के पदस्थ रहने के बावजूद वहां वन अधिनियमों की खुले आम धज्जियां उठाई जा रही है। जबकि जाग जाहिर है कि बीट गार्ड की जानकारी में होने के बाद भी सीमालाइन से छेड़छाड किया गया। इसके बाव भी उस पर कार्रवाही का नही होना समझ से परे है। यही नही इसमें बताया यह भी जा रहा है कि विभागीय अफसरों की सरपरस्ती में कार्य को अंजाम दिया गया। ऐसे में विभाग के उच्चासन में बैठे अधिकारियों पर ही उंगली उठ रही है जिसे नकारा भी नही जा सक्ता। इस मामले में सूत्रों की माने तो रिजर्व फारेस्ट की आड़ में पूर्व में बने दो डबरी को एक अर्दनडेम करने के मामले में बीट गार्ड निलंबित हो चुका है। इसके बावजूद उसे पुन उसी बीट में पदस्थ कर कर दिया जाता कुछ और ही इशारा कर रही है।
बताया यह भी जा रहा है कि रिजर्व फारेस्ट एरिया में अवैध अतिक्रमण का खेल भी बदस्तूर जारी है जिसमें खुलेआम कब्जा कर मकान बनाये जा रहे हैं।
सीपीटी से छेड़छाड़ पर महज 16 हजार का जुर्माना
खास बात यह है लगभग तीन माह पूर्व रेल कोरिडोर के नाम पर एक कृषक की निजी भूमि से मिटटी खनन कर रिजर्व फारेस्ट 1010 के सीमालाईन को पाटकर दिया गया उसमे भी बीट गार्ड के द्वारा कोई प्रतिबंध तक नही लगाया गया न ही कोई कार्यवाही की गई और मामले में जब दबाव बढ़ा तो एक अज्ञात व्यक्ति के नाम पर पीओआर कर इतिश्री कर लिया गया। यही नही इसमें बताया यह भी जा रहा है कि इसमे महज 16 हजार रुपये का जुर्माना का मामले को इतिश्री कर लिया गया।
वर्जन
रिजर्व फारेस्ट में अतिक्रमण की जानकारी उन्हें नहीं है। रही बात सीपीटी लाइन की तो उसमे मात्र मिट्टी गिरा था उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। फिर भी हमने पीओआर किया है तथा आगे की कार्रवाई के लिए डीएफओ के पास फाइल प्रतिवेदन भेजा गया है।
मनमोहन मिश्रा
एसडीओ रायगढ़ वन मंड़ल