
मैराथन ‘मंथन’…सत्ता के अमृत के लिए! राजनीतिक पार्टियां सोशल प्लेटफॉर्म पर क्यों कर रही इतना फोकस?
रायपुर: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव भले अगले साल हो, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी अभी से चुनावी मोड में आ गए है। संगठन ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने कमर कस ली है। बूथ स्तर पर नए सदस्यों को जोड़ने पारंपरिक रणनीति के अलावा हाईटेक फॉर्मूला का सहारा लिया जा रहा है। कांग्रेस जहां डिजिटल सदस्यता अभियान के जरिए 10 लाख नए सदस्य तैयार करने युद्ध स्तर पर जुट गई है, तो वहीं बीजेपी ने भी वर्चुअल माध्यम में दबदबे के लिए कमल मितान कार्यक्रम की शुरुआत की है। अब सवाल ये है कि आखिर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में राजनीतिक पार्टियां सोशल प्लेटफॉर्म पर इतना फोकस क्यों कर रही है?
बीजेपी और कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए युद्धस्तर पर जुट गई है। चुनाव से पहले जमीनी स्तऱ पर पकड़ बनाने के लिए संगठन भी लगातार सक्रिय है। बात करें सत्ता रूढ़ कांग्रेस की, तो उसने अपना वोट पर्सेंट बढ़ाने 10 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी अब मैनुअल के साथ-साथ वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर उतर आई है। डिजिटल सदस्यता अभियान के कांग्रेस ने ऐप भी लॉन्च किया है। अब तक सदस्यता अभियान के 50% लक्ष्य को पूरा किया जा चुका है और बचे हुए टारगेट को हास 31 मार्च से पहले पूरा करने कांग्रेस संभाग स्तर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है। AICC सचिव चंदन यादव, प्रभारी सप्तगिरि शंकर उल्का खुद पार्टी पदाधिकारियों को डिजिटल मेंबरशिप अभियान के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं। कांग्रेस के डिजिटल मेंबरशिप पर बीजेपी जरूर तंज कस रही है।
दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश भी एक्शन मोड में हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने पार्टी के कोर ग्रुप समेत प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की बैठक ली। बैठक में नगरीय निकाय चुनाव में हार की समीक्षा के साथ ही आगामी 3 माह के लिए संगठन की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई। राज्य सरकार को घेरने के किन मुद्दों को हवा देना है। इस पर भी रणनीति बनी, इसे अलावा बूथ स्तर पर नए सदस्य जोड़ने और ऑनलाइन डोनेशन कैंपेन पर भी मंथन हुआ। वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर दबदबा बनाने के लिए बीजेपी ने कमल मितान कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत बूथ और विधानसभा स्तर पर 50 हजार नए लोगों को जोड़ा जाना है, जो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए अहम साबित होंगे।
दरअसल कोरोना काल में जिस तरह से उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव प्रचार प्रसार पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है, उससे सीख लेते हुए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पारंपरिक रणनीति के अलावा हाईटेक प्लान बनाए जा रहे हैं। दोनों दल का एक ही लक्ष्य है कि चुनाव से पहले वो अपनी पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत कर सके। अब देखना ये है कि कौन अपने लक्ष्य के कितना करीब पहुंच पाता है।