वीरान हो गई थी सड़कें, बाज़ारों में पसरा था सन्नाटा.. जब 2 साल पहले आज ही के दिन लगा था लॉकडाउन

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में भारी तबाही मचाई है. इस घातक वायरस से लाखों लोगों की मौत हो गई थी. यह वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में मिला था, जिसके बाद इसने तेजी से पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया था. आज भी अमेरिका इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित है. इसके बाद भारत, ब्राजील, फ्रांस, यूके, जर्मनी, रूस, टर्की, इटली और स्पेन का नंबर आता है. अब तक कोरोना वायरस से दुनिया में 61 लाख से अधिक जान जा चुकी हैं और 47 करोड़, 58 लाख से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं.

बता दें कि कोरोना महामारी की कड़ी को तोड़ने के लिए और देशवासियों को संक्रमण से बचाने के लिए भारत में दो साल पहले, आज ही के दिन यानि 24 मार्च 2020 को इतिहास में पहली बार लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके बाद लोगों की जिंदगी घरों में कैद हो गई थी और सकड़ों व बाजारों में सन्नाटा पसर गया था. देश में 30 जनवरी, 2020 को कोरोना का पहला केस दर्ज किया गया था और यह मामला केरल से सामने आया था, जिसके बाद से ही महामारी को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी. फिर धीरे-धीरे कोरोना के केस बढ़ने लगे और एक महीने के अंदर ही 500 से अधिक मरीज हो गए थे और 10 लोगों की जान जा चुकी थी. ऐसे में केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए लॉकडाउन का ऐलान किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और लॉकडाउन का ऐलान करते हुए जनता से सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने का अनुरोध किया.

राष्ट्र के नाम अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि जिन देशों के पास सबसे बेहतर मेडिकल सुविधाएं हैं, वे भी वायरस को रोक नहीं सके और इसे कम करने का उपाय सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क ही है. लापरवाही बरतने वाले लोगों को चेताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों की लापरवाही, कुछ लोगों की गलत सोच आपको, आपके बच्चों को, आपके माता-पिता, आपके परिवार को, आपके दोस्तों को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़े संकट में डाल देगी. पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि आज आधी रात से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन लागू हो जाएगा, लोगों को 21 दिनों तक के लिए उनके घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है. हालांकि बाद में ये लॉकडाउन कई महीनों तक जारी रहा था.

महामारी के आर्थिक प्रभाव की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि निश्चित रूप से देश को इस लॉकडाउन की वजह से एक आर्थिक कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन प्रत्येक भारतीय के जीवन को बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने समझाया था कि यदि तीन सप्ताह में हालात को नियंत्रण में नहीं लाया गया, तो देश 21 वर्ष पीछे जा सकता है और कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे. ऐसे में उन्होंने लोगों से सिर्फ अपने घरों के अंदर ही रहने की विनती की थी

बता दें कि लॉकडाउन में सार्वजनिक स्थलों को पूरी तौर से बंद कर दिया गया था और कोरोना से संबंधित गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया गया था. हालांकि, लॉकडाउन लगने के कुछ दिनों बाद 29 मार्च को भारतीय रेलवे ने शहरों में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी. जिससे अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों और कामगारों को उनके राज्यों तक पहुँचाया गया था. इसके साथ ही सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त राशन की योजना भी शुरू की थी, ताकि घर में रह रहे आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को खाद्यान्न संकट का सामना न करना पड़े.

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