बस्तर बंद: विहिप और आदिवासी समाज का आह्वान, सुबह से दिखा व्यापक असर

जगदलपुर: बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या, नक्सल ब्लास्ट में आठ जवानों की शहादत, और बड़े बोदल में धर्मांतरण विवाद के कारण हुई मारपीट को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और आदिवासी समाज के बस्तर बंद के आह्वान का असर सुबह से ही दिखाई दे रहा है।

व्यापक समर्थन, रैली और प्रदर्शन जारी

बंद को बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स समेत अन्य सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है। विश्व हिंदू परिषद और आदिवासी समाज के सदस्य शहरभर में रैली निकालकर बंद को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।

व्यापारिक और सार्वजनिक गतिविधियां प्रभावित

बंद के चलते शहर में अधिकतर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। यातायात पर भी बंद का असर पड़ा है, और मुख्य सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने शहर के प्रमुख चौराहों पर प्रदर्शन किया और प्रशासन से इन घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन अलर्ट, शांति बनाए रखने की अपील

प्रशासन ने बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है।

मुख्य मांगें और घटनाओं की पृष्ठभूमि

  • पत्रकार की हत्या: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने इलाके में आक्रोश को बढ़ाया है।
  • नक्सली हमला: हाल ही में हुए नक्सली ब्लास्ट में आठ जवानों के शहीद होने की घटना से लोग आहत हैं।
  • धर्मांतरण विवाद: बड़े बोदल में धर्मांतरण विवाद के कारण हुई मारपीट ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया।

बस्तर बंद के जरिए प्रदर्शनकारी इन घटनाओं पर सरकार और प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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