
जिला रोजगार अधिकारी की बेरुखी से कौशल प्रदाताओं ने किया किनारा, बेरोजगारों के लिए उम्मीदें धूमिल
रायगढ़। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, जो कभी बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का प्रमुख माध्यम मानी जाती थी, अब रायगढ़ जिले में अंतिम सांसें ले रही है। जिला रोजगार अधिकारी राम जीत राम की उदासीनता और लापरवाही के कारण यह योजना धीरे-धीरे दम तोड़ रही है।
जिले में एक समय 28 से अधिक कौशल प्रशिक्षण प्रदाता (Training Providers) कार्यरत थे, जो विभिन्न ट्रेड जैसे — इलेक्ट्रिशियन, टेलरिंग, कंप्यूटर ऑपरेटर, फिटर, और हॉस्पिटैलिटी इत्यादि में युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ते थे। लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ चार प्रदाताओं तक सिमट गई है।
कौशल प्रदाताओं ने योजना से किनारा किया
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकांश कौशल प्रदाताओं ने जिला रोजगार अधिकारी द्वारा उचित सहयोग और भुगतान में देरी को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर की है। बताया गया कि कई प्रदाताओं के भुगतान पिछले एक साल से लंबित हैं, जिसके कारण उन्होंने प्रशिक्षण केंद्र बंद कर दिए या फिर योजना से दूरी बना ली है।
एक प्रदाता ने बताया —
> “हमने युवाओं को प्रशिक्षण देने में लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन विभाग की तरफ से भुगतान नहीं मिला। बार-बार ऑफिस जाने पर सिर्फ आश्वासन मिला, कार्रवाई नहीं।”
युवाओं में निराशा
इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जाता था ताकि वे निजी और सरकारी क्षेत्र में रोजगार पा सकें। अब प्रशिक्षण केंद्र बंद होने से सैकड़ों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। जिन छात्रों ने आवेदन किया था, वे महीनों से प्रशिक्षण शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे अधिकारी
जिला रोजगार अधिकारी राम जीत राम से संपर्क करने पर उन्होंने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार किया। वहीं विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जिला कार्यालय और राज्य कार्यालय के बीच समन्वय की कमी के कारण भुगतान प्रक्रिया अटकी हुई है।
स्थानीय मांग
युवाओं और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि शासन इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे, लंबित भुगतानों को जारी किया जाए और योजना को पुनर्जीवित किया जाए ताकि जिले के बेरोजगार युवाओं को फिर से अवसर मिल सकें।