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पूछता है रायगढ़,आखिर कहां गई नगर निगम के सबसे बड़े गोठान संबलपुरी की गाय

रायगढ़ : पिछले कांग्रेस सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजनायों को अधिकारियों के द्वारा पलीता लगाने में कहीं पीछे नहीं रहे जिसका जीता जागता उदाहरण हम सबके सामने हैं
ऐसा ही एक मामला नगर निगम क्षेत्र का है जहाँ नगर निगम के द्रारा सबसे बड़ा गोठान बनवाया गया था जिसमें नगर निगम के तत्काल  अधिकारी एवं और नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों के द्वारा बड़ी-बड़ी बातें की गई थी जिसमें यह भी कहा गया था कि अब शहर के सड़क पर मवेशी नहीं दिखगे आवारा मवेशियों की वजह से अब सड़क पर नहीं होगी दुर्घटना नहीं जाएगी किसी की जान नहीं टूटेंगे किसी के हाथ पैर ऐसा हुआ ही नहीं उल्टा दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हो गई थी कई जान गवा दी थी ।

जो हुआ वह समाज में अच्छा संकेत नहीं:

संबलपुरी गोठान जिसका निर्माण नगर निगम रायगढ़ के द्रारा सबलपुरी में करवाया गया था  संचालन कार्य प्रारंभिक दौर में गौ माता मित्र समिति द्वारा की गई जो की गौशाला के तर्ज पर कार्य की शुरुआत की गई थी जिसमें नगर निगम आयुक्त महोदय द्वारा एवं तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह गौ अभ्यारण का प्रारूप तैयार किया गया फिर उसे गोठान का रूप दिया गया और समस्त संचालक चारा, मजदूर एवं अन्य खर्च गौ माता मित्र समिति द्वारा उठाई गई जिसका पूरा श्रेय नगर निगम द्वारा लिया गया  जिसका संचालन 23 महीना तक गौ माता मित्र समिति द्वारा बहुत ही सुंदर तरीके से की गई इसके बदले समिति को ना तो गोबर का भुगतान सही तरीके से मिला और ना ही कोई अन्य खर्च के रूप में सहयोग मिला।

इस पर समिति द्वारा नगर निगम से निवेदन किया गया की गौशाला को स्वतंत्र रूप से समिति को चलाने दिया जाए या फिर वहां सहयोग किया जाए सहयोग तो  दूर उल्टा वहां  बिना समिति को किसी सूचना के 350  गो वंशों की चोरी करा दी गई इस कारण गौ माता मित्र समिति द्वारा गौशाला को नगर निगम को सौंप दिया गया उसके बाद एक अन्य समिति ने उसका संचालन किया और आज गोठान की स्थिति सबके सामने हैं 20 25 गोवंश वहां बची है जहां ना तो चारा है ना लेबर है 

करीब करीब एक साल पहले सोशल मीडिया औऱ समाचार न्यूज पेपर खबर प्रकाशित हुआ था कि निगम के कुछ कर्मचारियों के द्वारा संबलपुरी गोठान से कुछ गाय को बिना किसी उच्च अधिकारी को जानकारी दिए रात में बाहर निकाल दिया था अब सवाल यह खड़ा होता है कि नगर निगम के सरकार और विपक्ष की चुपी अब तक क्यों लगा रखी क्या नगर सरकार और विपक्ष की को अपनी भूमिका अदा नहीं करना चाहिए था आखिर गोठान से गाय कहा गायब हुई थी ऐसा तो नहीं लैलूंगा के रास्ते उड़ीसा की तरह भेज दिया गया हो और ऐसा किया गया हो तो वे सभी गाय का क्या अंजाम हुआ होगा बताना लाजमी नहीं होगा आज भी गाय का मामला आज भी वैसे की वैसी पहेली बनी हुई है की उतनी बड़ी संख्या में गाय गई तो गई कहां

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