जन सहयोग संस्था ने पेश की मानवता की जबरदस्त मिसाल

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जनसहयोग ने पेश की मानवता की सेवा की ज़बरदस्त मिसाल
कांकेर= की जानी मानी समाज सेवी संस्था अपने कार्यों हेतु बहुत बड़ी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है, किंतु रविवार को इस संस्था के अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी के नेतृत्व में इस संस्था ने मानवता की सेवा का ऐसा विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है , जो अद्भुत है और चारों ओर प्रशंसित हो रहा है। विक्षिप्तता व भूख प्यास के कारण मृत्यु की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे व्यक्ति को नई जिंदगी देने से बढ़कर पुण्य और किस कार्य में हो सकता है?
रविवार को अपने नियमित स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जन सहयोग के सदस्य कलेक्टोरेट मार्ग पर श्रमदान कर रहे थे ,उसी समय शहर के वरिष्ठ नागरिक व्यवसायी हेमंत टांकसालेजी ने अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी को सूचित किया कि निकट ही घूमते रहने वाले एक पागल व्यक्ति की हालत बहुत खराब है और यदि उस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह भूख प्यास और धूप से दम तोड़ सकता है । तत्काल उसे देखा गया तो पाया गया कि वह कचरे के ढेर में फेंका हुआ भोजन को खा रहा था। महीनों से वह नहाया भी नहीं था और बाल तथा दाढी डराने की हद तक बढ़ गए थे। जन सहयोग संस्था के सदस्यों ने तत्काल उसके नहाने की व्यवस्था की और अजय पप्पू मोटवानी ने साबुन और शैंपू से उसे नहला कर स्वच्छ कर दिया । उसके कपड़ों की हालत यह थी कि धूल के कारण बटनों का खोलना असंभव था , जिन्हें चाकू से काटना पड़ा शुरू में वह व्यक्ति घबराया किंतु अजय पप्पू मोटवानी ने उसे आश्वासन देते हुए इतने विश्वास में ले लिया कि वह पागल सहयोग देने लगा और इनकार करना छोड़ दिया। उसके लिए नए कपड़ों का प्रबंध किया गया । फिर धूप तथा सीसी रोड की हालत देखकर उसके लिए चप्पल भी मंगवाए गए, जिन्हें अध्यक्ष ने अपने हाथों से उसे पहनाया। इस बीच सेलून में ले जाकर उसकी  शेविंग ड्रेसिंग आदि भी कर दी गई । सेलून के मालिक ने भी इस मानवीय कार्य में सहयोग के लिए कोई फीस लेने से साफ इनकार कर दिया। तत्पश्चात कई दिनों से भूखे उस विक्षिप्त व्यक्ति को एक अच्छे से शाकाहारी होटल में जी भर कर भोजन भी कराया गया।
इतना सब होने के बाद उस व्यक्ति को साथ लेकर अजय पप्पू मोटवानी जब हेमंत टांकसाले जी की दुकान पर गए ,तो वे उसे पहचान नहीं सके। आसपास के अन्य लोग भी जो उस विक्षिप्त व्यक्ति को रोज कई बार देखकर उसके हाथ में पत्थर आदि देखकर भयभीत होते थे, वे भी उसे पहचान नहीं सके। इतनी बड़ी मानवीय सेवा से वह व्यक्ति भी शांत हो गया और अजय पप्पू मोटवानी के सवालों का जवाब देते हुए उसने बताया कि वह गावड़े  है और ग्राम पलारी, विश्रामपुरी जिला कोण्डागांव का रहने वाला है। इसके बाद अजय पप्पू मोटवानी ने अपने केशकाल के परिचित व्यापारियों तथा विश्रामपुरी के ग्रामीणों से जिनका मोबाइल नंबर उपलब्ध था, सभी को इस विषय में बताया और कहा कि इस व्यक्ति के कहे अनुसार मात्र उसका चाचा गांव में जीवित है, उसे समाचार देने और कांकेर से ले जाने हेतु कहा। आशा की जाती है कि उसके चाचा से संपर्क हो जाएगा और वह व्यक्ति, जो आधा तो ठीक हो चुका है अपने गांव घर पहुंच कर पूरा ही ठीक हो जाएगा । उसे एक नई जिंदगी मिल चुकी है । जन सहयोग संस्था के इस अत्यंत संवेदनशीलता व सहानुभूति पूर्ण महान पुण्य कार्य की चर्चा दिन भर कांकेर में चलती रही। संस्था के अध्यक्ष सहित समस्त सदस्यों को बधाइयां प्राप्त हो रही हैं तथा शुभकामना संदेश आ रहे हैं। कुछ प्रमुख सहयोगियों के नाम इस प्रकार हैं,,, बीआर यादव , प्रवीण गुप्ता, धर्मेंद्र देव, राजेश चौहान, प्रमोद सिंह ठाकुर, भूपेंद्र यादव, दिनेश मोटवानी ,करण नेताम, शैलेंद्र देहारी तथा अनेक नौजवान साथी,,

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